राम मंदिर बन गया अभी होने है और बड़े काम : कमल नयन दास
श्री मणिराम दास छावनी के श्री महंत कमल नयन दास 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खासे उत्साहित हैं, लेकिन शंकराचार्यों के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उठाए जा रहे सवालों से नाराज भी।
श्री मणिराम दास छावनी के श्री महंत कमल नयन दास |
वह कहते हैं कि शंकराचार्यों का क्या लेना-देना, आंदोलन में भाग नहीं लिया। सृंगेरी पीठ के आसपास के हिंदू ईसाई बन गए, सनातन हिन्दू की रक्षा नहीं कर पाए। वह लोग भगवान राम से आदशरे से विमुख हैं।
कमल नयन दास कहते है कि अयोध्या का राम मंदिर वि का पहला मंदिर होगा जहां से दुनिया को राम राज्य का संदेश जाएगा। वह कहते हैं कि 500 वर्ष के संघर्ष के बाद राम मंदिर तो बन गया लेकिन 75 साल पहले हुई कई गलतियों को अभी सुधारा जाना बाकी है।
संविधान की कुछ धाराओं में बदलाव की जरूरत है। ऐसा नही हुआ तो आने वाले समय में यह तय करना होगा की देश शरीयत से चलेगा या राम के आदर्श को आगे रख संविधान से। वह कहते हैं कि देश को अब एक सख्त जनसंख्या नियंत्रण वाले कानून की जरूरत है।
एक वर्ग की आबादी मुंह फैलाए चली जा रही है, इसे रोका न गया तो क्या अस्मिता की रक्षा की जा सकेगी। विभिन्न मुद्दों पर उनकी मुखरता देख राजनीति में हाथ आजमाने के सवाल पर वह कहते हैं कि चुनाव से कुछ लेना-देना नहीं है।
वह नहीं लड़ेंगे लेकिन क्या सही बात भी ना कहें जो राष्ट्र के संविधान के विरोध में है। हमारे लिए तो राष्ट्र सर्वोपरि है।
राष्ट्र है तो हम सभी हैं, हमारे धर्म सुरक्षित हैं, नही तो 500 वर्ष पहले क्या हुआ और आजादी मिलने के बाद जिस तरह पूर्वाचल की उपेक्षा की गई और हम अभी भी मुगलों का इतिहास पढ़ने को विवश हैं।
अब राम मंदिर का मामला निपट गया है तो संविधान की धारा 30 ए जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसे बड़े मुद्दों का भी संतों व देश को समाधान चाहिए।
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