Gyanvapi case : ज्ञानवापी में अगले राउंड का सर्वे आज से
ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसमें उपकरण के जरिए 8 से 10 मीटर तक की वस्तुओं का पता लगाया जा सकता है । इसके तहत किसी भी संरचना के नीचे कंक्रीट, धातु, पाइप, केबल या किसी अन्य वस्तु की पहचान की जा सकती है ।
ञानवापी में अगले राउंड का सर्वे आज से |
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में ASI सर्वे जारी है । आज लगातार तीसरे दिन ASI की टीम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पहुंची। आज दूसरे चरण का सर्वे होगा । जो कि पहले दो दिन के सर्वे से कई मायनों में अलग होगा । ऐसा इसलिए क्योंकि आज ASI टीम मशीनों का भी इस्तेमाल करेगी ।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेट्री मोहम्मद यासीन ने बताया कि वह कानूनी प्रक्रिया का इंतजार कर रहे थे । अब जब कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है तो हम ASI सर्वे में पूरा सहयोग करेंगे । हिंदू पक्ष को भरोसा है कि इस सर्वे के बाद ज्ञानवापी को लेकर चल रहा विवाद थम जाएगा और मंदिर के पुख्ता सबूत सामने आएंगे ।
ASI की टीम ज्ञानवापी के अंदर अब तक गुंबद और खंभों की वीडियोग्राफी कर चुकी है। इस दौरान दीवारों, गुंबदों और खंभों पर बने अलग-अलग चिह्नों को रिकॉर्ड किया गया है. त्रिशूल, स्वास्तिक, घंटी, फूल जैसी आकृतियों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई है।
वहीं, हर आकृति की निर्माण शैली, उसकी प्राचीनता आदि की जानकारी दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार मंगलवार को बिना खुदाई जमीन के नीचे सर्वे को अंजाम देने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक का इस्तेमाल किया जाएग ।
ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक एक ऐसी तकनीक है जिसमें उपकरण के जरिए 8 से 10 मीटर तक की वस्तुओं का पता लगाया जा सकता है । इसके तहत किसी भी संरचना के नीचे कंक्रीट, धातु, पाइप, केबल या किसी अन्य वस्तु की पहचान की जा सकती है । एक्सपर्ट के मुताबिक इस तकनीकी के जरिए इलेक्ट्रोमैग्नेट रेडिएशन की मदद से सिग्नल मिलते हैं। जिसकी मदद से यह पता लगाना आसान हो जाता है कि जमीन के नीचे किस प्रकार और आकार की वस्तु या संरचना है।
जीपीआर के प्राथमिक नतीजे शुरुआत में आएंगे, लेकिन पूरे सर्वेक्षण में एत सप्ताह लग सकता है । हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि 42 लोगों की एएसआई टीम पूरे परिसर में फैल कर अलग-अलग स्टडी कर रही है।
ASI के लोग व्यासजी के तहखाने में हैं। कुछ लोग एजाज भाई के तहखाने में हैं। कुछ लोग वेस्टर्न वॉल पर लगे हैं। कुछ लोग गुम्बदों पर लगे हैं। इमेजिंग-मैपिंग का काम भी चल रहा है । लोगों को चार हिस्सों में बांटकर सर्वे किया जा रहा है। बीते दिन हुए सर्वे में ज्ञानवापी परिसर के चारों कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए थे। डेफ्थ माइक्रोमीटर से परिसर के अलग-अलग हिस्सों की गहराई और ऊंचाई मापी गई थी।
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