जारी रहेगा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ASI सर्वे, Allahabad HC ने कहा-न्याय के लिए यह जरूरी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है।
(फाइल फोटो) |
कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि इस सर्वे से किसी को नुकसान नहीं है। इसलिए यह जारी रहेगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर का सर्वेक्षण कराने के जिला कोर्ट के फैसले को जारी रखने की अनुमति देिये जाने से मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका लगा है।
न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने यह फैसला गुरुवार को सुनाया।
कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि न्याय के लिए यह सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की जरूरत है। सर्वे करिए, लेकिन बिना खुदाई किए।
जुलाई के अंतिम सप्ताह में कोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से लगातार दो दिन बहस चली थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपने फैसले को रिजर्व कर लिया था।
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एएसआई से सुनवाई खत्म होने तक मस्जिद का सर्वे शुरू न करने को कहा था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर का सर्वेक्षण की अनुमति देने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है।
#WATCH इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है: इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण की अनुमति देने पर हिंदू पक्ष… pic.twitter.com/GEnpU61gua
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 3, 2023
कोर्ट में दलील देते हुए मुस्लिम पक्ष के वकील एसएफए नकवी ने असमायिक अदालती आदेश के जरिये ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण से ज्ञानवापी के मूल ढांचे को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस का दंश देश ने झेला है। सिविल वाद में पोषणीयता का बिंदु तय किये बिना जल्दबाजी में सर्वेक्षण और खोदाई का फैसला घातक हो सकता है।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ASI सर्वे पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad HC) ने कहा कि न्याय के लिए यह जरूरी है।
गौरतलब है कि 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे का आदेश दिया था। जिला कोर्ट के इस आदेश को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने चुनौती दी थी। मुस्लिम पक्ष ने पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट में ASI सर्वे को रोकने के लिए याचिका दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि न्याय के लिए यह सर्वे जरूरी है।
इस फैसले का इंतजार हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष की ओर से किया जा रहा था। ज्ञानवापी मस्जिद(Gyanvapi Masjid) परिसर के एएसआई सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अभी रोक लगा दी थी।
वाराणसी कोर्ट के जिला जज डॉ.अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी सर्वे का कराने का आदेश जारी किया था। अब जिला कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट ने जारी रखने का आदेश जारी किया है।जिसके बाद ज्ञानवापी परिसर के एएसआई पर लगी रोक भी हट गई है।
बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष एएसआई सर्वे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के तरफ से जारी इस फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। मुस्लिम पक्ष एएसआई सर्वे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष को आज इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा बड़ी राहत मिली है।
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