किसान आंदोलन पर बातचीत से हल निकल सकता था : सपा-बसपा
भारत-बंद पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कहा कि पिछले कई महीनों से जारी आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई जबकि बातचीत से हल निकल सकता था।
(फाइल फोटो) |
सपा ने कहा केंद्र में सत्तारूढ़ ये पहली ऐसी सरकार है जो अपने ही खिलाफ प्रदर्शन को खाद-पानी दे रही है।
किसानों के समर्थन में उतरी समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता नाहिद लारी खान ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, 'केंद्र की सत्ता में ये पहली ऐसी सरकार है जो पिछले एक साल से चल रहे आंदोलन का कोई हल नहीं निकाल पाई। ये पहली ऐसी सरकार है जो अपने ही खिलाफ प्रदर्शन को खाद-पानी दे रही है। देश में 80 फीसदी आबादी किसान परिवारों की है लेकिन सरकार इनको अनसुना कर रही है। केंद्र सरकार 30 हजार करोड़ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण में लगा सकती है लेकिन किसानों के हित के लिए कोई कदम नहीं उठा सकी। 12 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया है, जिसके मुकाबले सरकार ने मात्र 25 रुपये प्रति क्विंटल दाम बढ़ाये हैं। '
वहीं बहुजन समाज पार्टी के नेता सुधिन्द्र भदौरिया ने आईएएनएस से कहा, ' एक साल के आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई। केंद्र सरकार को बातचीत के माध्यम से इस प्रदर्शन को पहले ही समाप्त कर देना चाहिए था। बातचीत से किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है। किसानों की सभी मांगे जायज हैं और बहुजन समाज पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। '
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने पहले ही भारत-बंद में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा 'केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आन्दोलित हैं- 'भारत बंद ' के शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन। '
वहीं समाजवादी पार्टी ने भी ट्वीट कर कहा, भाजपा सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समाजवादी पार्टी पूर्ण समर्थन करती है। किसान विरोधी काले कानूनों को वापस ले सरकार।
गौरतलब है कि सरकार और किसानों के बीच ग्यारह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन सभी बातचीत बेनतीजा ही रही हैं।
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