आज पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरी का होगा अंतिम संस्कार, अखाड़ा परिषद ने CBI जांच की मांग की

Last Updated 21 Sep 2021 10:41:58 AM IST

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि महाराज की संदिग्ध मौत का मामला गरमाता जा रहा है। इस मामले में आरोपी उनके शिष्य आनंद गिरि को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया गया है।


पोस्टमार्टम के बाद आज महंत नरेंद्र गिरी का होगा अंतिम संस्कार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को प्रयागराज में उनके बाघंबरी मठ स्थित आवास पर श्रद्धांजलि दी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कल की घटना को लेकर बहुत से साक्ष्य इकट्ठे किए गए हैं। पुलिस की एक टीम, यहां के एडीजी जोन, आईजी रेंज और डीआईजी प्रयागराज, मंडलायुक्त प्रयागराज सभी अधिकारी एकसाथ मिलकर इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं। एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा और दोषी को अवश्य सजा मिलेगी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि का मंगलवार दोपहर पोस्टमॉर्टम किया जाएगा, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को बाघंबरी मठ में रखा जाएगा ताकि लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें। सूत्रों के अनुसार शाम को संत को मठ परिसर में 'समाधि' दी जाएगी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम डॉक्टरों का एक पैनल करेगा और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिग की जाएगी।

आनंद गिरी पर एफआईआर दर्ज

उनके शिष्यों में से एक महंत आनंद गिरि, जो एक प्रमुख संदिग्ध है और जिसे हरिद्वार से हिरासत में लिया गया है। जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और इसमें उनके शिष्य आनंद गिरी के नाम का उल्लेख किया गया था जिसमें उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था। धारा 306 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

सोमवार रात हरिद्वार में हिरासत में लिए गए आनंद गिरी को पुलिस प्रयागराज ला रही है।

अखाड़ा प्रमुख गिरि की मौत की सीबीआई जांच की मांग

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। याचिका अधिवक्ता सुनील चौधरी ने दायर की है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि महंत सोमवार शाम को जिन परिस्थितियों में मृत पाए गए, वे बेहद संदिग्ध और रहस्यमयी हैं।

अखाड़े के कुछ सदस्यों ने महंत नरेंद्र गिरी द्वारा कथित रूप से लिखे गए पांच पन्नों के सुसाइड लेटर पर संदेह जताया है।

उनके शिष्यों में से एक महंत आनंद गिरि, जो एक प्रमुख संदिग्ध है और जिसे हरिद्वार से हिरासत में लिया गया है, उसने भी कहा कि महंत ने पत्र में एक या दो वाक्य से आगे कभी कुछ नहीं लिखा था और यह बहुत असंभव था कि वह इतनी लंबा सुसाइड नोट लिखेंगे।

शक की बात यह भी है कि सुसाइड नोट एक वसीयत की तरह है, जिसमें महंत ने स्पष्ट रूप से अपने शिष्यों के लिए काम और जिम्मेदारियों को निर्दिष्ट किया है।

संत भी कह रहे हैं कि नरेंद्र गिरि कभी आत्महत्या नहीं कर सकते थे।

पुलिस ने अब तक तीन लोगों आनंद गिरि, हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। सुसाइड नोट में इनके नाम थे।

याचिका में संदिग्धों में से एक महंत आनंद गिरि के उस बयान का भी जिक्र है, जो प्रयागराज के कुछ पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाता है।

भाजपा के पूर्व सांसद विनय कटियार ने भी महंत की मौत की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा, 'निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का यही एकमात्र तरीका है।'

आईएएनएस
प्रयागराज


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