राजनाथ ने लखनऊ को दी 1,710 करोड़ की परियोजना की सौगात, CM योगी की प्रशंसा की

Last Updated 31 Aug 2021 04:03:28 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौक में विकास के लिए 9 विभागों की 1,710 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी की जमकर तारीफ की बोले योगी न होते इतना सब एक साथ संभव न हो पाता।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों का लखनऊ बनाने का संकल्प दोहराते हुए लखनऊ के तेज विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। राजनाथ ने कहा कि अगर योगी न होते तो शायद लखनऊ में इतनी तेज काम न हो पाता। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आने वाला समय उत्तर प्रदेश का है।

रक्षामंत्री ने कहा कि 18वीं सदी में जब लखनऊ की विक्टोरिया स्ट्रीट बनी थी, तब यह अपने समय की सबसे चौड़ी सड़क थी, लोगों ने इसे फिजूलखर्ची तक कहा था, आज इसका हाल बदहाल है लेकिन अब जबकि यहां ओवरब्रिज बन गया है तो राजधानी के 50 लाख लोगों को आवागमन में बड़ी सुविधा होगी। उन्होंने निमार्णाधीन आउटर रिंगरोड की चर्चा करते हुए बताया कि 8 लेन वाली यह सड़क अगले साल अक्टूबर तक लोकार्पित होगी। राजनाथ ने लखनऊ में सुगम यातायात के लिए नियोजित कोशिश की जरूरत भी बताई तो पूर्व प्रधानमंत्री और लखनऊ के सांसद रहे अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति को नमन करते हुए सार्वजनिक होडिर्ंग में अटल-चित्र लगाने की अपील भी की।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आने वाला समय उत्तर प्रदेश का है। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद 2003 से 2017 में नई सरकार बनने के पहले तक का समय यूपी का संक्रमण काल था। यह वह समय था कि जब आस्था अपमानित होती थी श्रद्धा को प्रताड़ना मिलती थी। देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने के बाद भी यूपी देश में छठवें नम्बर की अर्थव्यवस्था थी। कानून-व्यवस्था इतनी बदहाल थी कि निवेशक भागते थे। विकास का कहीं कोई विजन नहीं था, जनाकांक्षाओं का कोई मान नहीं था। 2012 से 2017 तक औसतन हर तीसरे दिन एक दंगा होता था। यह प्रदेश अराजकता, दंगा, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी की भेंट चढ़ गया था।

उन्होंने कहा कि 2017 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आज यूपी व्यवसाय की सुगमता के लिहाज से दूसरा सबसे अच्छा राज्य है, जबकि चार साल पहले यह 12वें-14वें स्थान पर था। कोरोना के दौरान जब चीन से निवेशक भाग रहे थे तो वैश्विक पटल पर प्रतिस्पर्धा के बीच निवेशकों ने भारत को चुना और भारत के अंदर उत्तर प्रदेश उनकी पहली पसंद बना। अकेले 5000 करोड़ की सैमसंग डिस्प्ले यूनिट यहीं लगी। उत्तर भारत का सबसे बड़ा डाटा सेंटर यहां स्थापित हो रहा। योगी ने बताया कि कोरोना के बीच यूपी में 66,000 करोड़ का निवेश आया।
 

आईएएनएस
लखनऊ


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