यूपी में 23 लाख निर्माण श्रमिकों को मुख्यमंत्री ने दी भरण-पोषण भत्ता की सौगात, खाते में भेजे 1-1 हजार रुपये
कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में दिहाड़ी पर काम करने वाले पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को संबल देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यूपी के 23.2 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में 230 करोड़ रुपये की धनराशि ऑनलाइन हस्तांतरित की।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) |
योगी ने कहा कि जिन श्रमिकों के सुख-दुख का कोई साथी न था, आज उनकी बेटी के विवाह का निमंत्रण पत्र डीएम और कमिश्नर बांटते हैं।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों का घर बनाने का सपना हो अथवा बीमारी में इलाज की जरूरत, बेटे-बेटियों की पढ़ाई का खर्चा हो या फिर दुर्घटना के समय आर्थिक मदद की जरूरत, हर मौके पर सरकार आपके साथ है।
श्रमिकों के बैंक खाते में 1,000 ट्रान्सफर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते सवा साल से न केवल प्रदेश बल्कि पूरा देश और दुनिया कोरोना माहमारी से लड़ रही है, लेकिन सामूहिक प्रयास से आज यूपी की स्थिति नियंत्रित है। 25 करोड़ की आबादी वाले हमारे राज्य में आज कुल जितने कोरोना मरीज हैं, हमसे आधी आबादी वाले प्रदेशों में हर दिन उतने नए मरीज मिल रहे हैं। आज यूपी की रिकवरी दर देश में सबसे अच्छी है, तो पॉजिटिविटी रेट सबसे कम है। उन्होंने श्रमिकों को टीकाकरण कराने और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रेरित भी किया। श्रमिकों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का लाभ अधिकाधिक श्रमिकों को मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री ने नए वेबपोर्टल की शुरूआत की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दैनिक रूप से काम कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदार हों, दिहाड़ी मजदूर हों, रिक्शाई-रिक्शा चालक, पल्लेदार हों अथवा नाविक, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे असंगठित क्षेत्र के श्रमिक हों अथवा औद्योगिक इकाइयों आदि में काम करने वाले संगठित क्षेत्र के मजदूर, अपना पंजीकरण जरूर कराएं। यह पंजीकरण राज्य सरकार को उनकी सुरक्षा के लिए प्रबन्ध करने में सहायक होगा। बीते साल कोरोना की पहली लहर की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 लाख प्रवासी श्रमिकों के जीवन और आजीविका को सुरक्षित रखने के हमारे प्रयास आज दुनिया के तमाम संस्थानों में अध्ययन का विषय हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हर एक श्रमिक को चाहे वह संगठित क्षेत्र का हो या असंगठित क्षेत्र का हो, सामान्य कामगार हो या फिर कहीं एक्सप्रेस-वे पर काम कर रहा हो, उसे मात्र एक रजिस्ट्रेशन के द्वारा 5,00,000 का वार्षिक बीमा कवर प्रदान करने कार्य पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित भरण-पोषण भत्ता राशि वितरित करने के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 5 श्रमिकों को प्रतीकात्मक चेक प्रदान किया तो, जिलों में मौजूद श्रमिकों से बातचीत भी की। वर्चुअल माध्यम से हमीरपुर के अतुल, वाराणसी के मिथिलेश, कानपुर के प्रवीण मिश्र, मेरठ के कुलदीप और झांसी के राशिद अली से बात करते हुए सीएम ने पहले सभी के कामकाज, घर-परिवार का हाल-चाल लिया और फिर सभी से सरकारी योजनाओं के बारे में फीडबैक लिया। एक-एक कर सभी श्रमिकों ने बताया कि उन्हें बच्ची की शादी, पढ़ाई और मेडिकल जरूरतों के लिए सरकार से मदद मिली है, यही नहीं, मुफ्त राशन मिलने पर सबने सीएम का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से कहा कि अपने सभी श्रमिक साथियों का पंजीयन जरूर कराएं।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लंबे समय तक उपेक्षा का शिकार रहे श्रमिकों के सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा का बीड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उठाया है। श्रमिक के घर का सपना पूरा करना जो, बेटी की शादी हो, इलाज का खर्च हो, आकस्मिक दुघर्टना हो, हर समय योगी सरकार श्रमिकों के साथ रही है। कोरोना काल की पहली लहर के दौरान भी श्रमिकों के जीवन और जीविका की सुरक्षा सुनिश्चित की गई तो दूसरी लहर में भी सभी की जरूरतों का ध्यान रखा गया। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
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