श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने लिया बाबा विश्वनाथ का आशीष
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्ष ने रविवार को यहां विश्व प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद राजपक्ष |
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्ष नई दिल्ली से एयर इंडिया के विशेष विमान से अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूर्वान करीब दस बजे बाबतपुर के लाल बहादुर शासी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे थे जहां पर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। उन्होंने वाराणसी में अपने दौरे शुरुआत ज्योर्तिलिंग बाबा विनाथ की पूजा-अर्चना से की।
प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री राजपक्ष पहली बार वाराणसी आये हैं। बाबा विश्वनाथ की पूजा के अपरान में भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेशस्थली सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में बौध मंदिर में दर्शन-पूजन करने का उनका कार्यक्रम है, वह बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। विदेशी मेहमान सारनाथ में धमेख स्तूप समेत अन्य पुरातात्विक महत्व के स्थानों का भ्रमण करेंगे।
प्रधानमंत्री राजपक्ष के दौरे के मद्देनजर यहां सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये गए हैं।
गौरतलब है कि श्री राजपक्ष भारत की चार दिवसीय दौरे पर आये हुए हैं। प्रचीन धार्मिक नगरी में वाराणसी में पूजा-अर्चना के बाद सोमवार को वह दर्शन-पूजन के लिए भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया होते हुए तिरुपति जाएंगे। अगले दिन मंगलवार को भगवान वेंकटेर के सुप्रभात दर्शन करने के बाद वह स्वदेश के लिए रवाना जाएंगे। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्री राजपक्ष नई दिल्ली से एयर इंडिया के विशेष विमान से अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूर्वान करीब दस बजे बाबतपुर के लाल बहादुर शासी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया।
उन्होंने बताया कि श्री राजपक्ष वि प्रसिद्ध श्री काशी विनाथ मंदिर एवं भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेशस्थली सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में बौध मंदिर में दर्शन-पूजन तथा बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। विदेशी मेहमान सारनाथ में धमेख स्तूप समेत अन्य पुरातात्विक महत्व के स्थानों का भ्रमण करेंगे।
प्रधानमंत्री श्री राजपक्ष के दौरे के मद्देनजर यहां सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये गए हैं।
गौरतलब है कि श्री राजपक्ष भारत की चार दिवसीय दौरे पर आये हुए हैं। प्राचीन धार्मिक नगरी में वाराणसी में पूजा-अर्चना के बाद सोमवार को वह दर्शन-पूजन के लिए भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया होते हुए तिरुपति जाएंगे। अगले दिन मंगलवार को भगवान वेंकटेर के सुप्रभात दर्शन करने के बाद वह स्वदेश रवाना जाएंगे।
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