कोलकाता के डॉक्टरों के समर्थन में उतरे जोधपुर के डॉक्टर, शुरू किया 12 घंटे का क्रमिक अनशन

Last Updated 15 Oct 2024 12:10:41 PM IST

कोलकाता के डॉक्टरों के समर्थन में अब जोधपुर के डॉक्टर भी उतर गए हैं। जोधपुर के डॉक्टरों ने 12 घंटे के लिए क्रमिक अनशन शुरू किया है। आज देशव्यापी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते जोधपुर के डॉक्टरों ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है।


कोलकाता के डॉक्टरों के समर्थन में उतरे जोधपुर के डॉक्टर

इस क्रमिक अनशन में रेजिडेंट डॉक्टर के अलावा निजी डॉक्टर और संगठन का समर्थन भी हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आज 12 घंटे का क्रमिक अनशन किया जा रहा है। डॉक्टरों पर बढ़ती हिंसा और दुर्व्यवहार के विरोध में डॉक्टर क्रमिक अनशन कर रहे हैं। उनका कहना है कि आए दिन अस्पतालों में डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है, मारपीट की जाती है। डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं। अगर समय रहते डॉक्टरों के लिए विशेष कानून लागू नहीं करेंगे, तो डॉक्टरों के ऐसे ही धरने देखने को मिलेंगे।

डॉक्टरों के अनशन के चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। इसे गंभीरता से लेते हुए वैकल्पिक व्यवस्था करने के साथ ही जोधपुर के तीनों अस्पतालों मथुरादास माथुर अस्पताल, उम्मेद अस्पताल और महात्मा गांधी अस्पताल की मॉनिटरिंग की जा रही है। मॉनिटरिंग मेडिकल कॉलेज खुद कर रहा है। इसके अलावा जिला प्रशासन भी लगातार इस मामले पर नजर रखे हुए है। जोधपुर इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर संजय मकवाना के निर्देशन में क्रमिक अनशन मेडिकल कॉलेज के बाहर शुरू हुआ है।

इसमें डॉक्टर प्रदीप जैन डॉक्टर, सिद्धार्थ लोढ़ा और डॉक्टर गुलाम अली कामदार भी अनशन पर बैठे हुए हैं। यह अनशन सुबह छह बजे से शुरू हो गया और शाम छह बजे तक जारी रहेगा।

डॉक्टर प्रदीप जैन ने बताया कि आप समझ नहीं सकते कि किस स्थिति में हम लोग काम करते हैं। डॉक्टरों के काम को आप नहीं समझ सकते। ट्रेनिंग वाले डॉक्टरों की ट्रेनिंग पीरियड में लंबी-लंबी ड्यूटी लगती है। पिछले महीनों में आपने सुना होगा कि कोलकाता में एक लेडी डॉक्टर 36 घंटे की ड्यूटी करने के बाद सेमिनार रूम में गई थी। उसके साथ ऐसी दुर्घटना हो गई, जो बोलने लायक नहीं है। उसका परिवार सब कुछ गंवा बैठा है।

यदि वह डॉक्टर बन जाती तो अपने जीवन काल में न जाने कितने मरीजों की सेवा कर पाती। न जाने कितने मरीजों की जान बचा पाती। हम सब लोग शहर के वरिष्ठ चिकित्सक हैं। पिछले 25 से 30 सालों में हमने लाखों मरीजों का इलाज किया होगा। हमने एक जरूरी पर्सन हमने खो दिया है।

डॉक्टर सिद्धार्थ लोढ़ा ने कहा कि जब पानी सर के ऊपर आ जाता है तो हर कोई अपना बचाव चाहता है। हमारा काम हड़ताल करने का, धरना देने का बिल्कुल नहीं है। पर जब प्रशासन और राजनेता या जो भी जनता है, वह हमारी नहीं सुनती है, तो हमें भी हमारी आवाज उठाने का अधिकार है। इसी के अंतर्गत हम यहां पर धरना के लिए आए ताकि हम हमारी आवाज उठा सकें। जैसा कि हम चाहते हैं कि जो हमारा कार्य स्थल है, वहां पर हमें सुरक्षा मिले। विशेष रूप से महिला वर्करों को कार्य स्थल पर सुविधा मिले।

आईएएनएस
जोधपुर


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