राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि प्रदेश ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में जल्द ही आत्मनिर्भर बन जाएगा और आने वाले दिनों में लगभग एक हजार टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकेगा।
|
डॉ. शर्मा ने आज कहा कि राज्य में विभिन्न संस्थानों द्वारा लगाए जा रहे ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स तथा अन्य उपकरणों के जरिए आगामी दिनों में यह उपलब्धि हासिल कर ली जायेगी। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में सबसे ज्यादा परेशानी ऑक्सीजन को लेकर देखने में आई। इससे निजात पाने के लिए सरकार ऑक्सीजन उत्पादन के पुख्ता इंतजाम कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न जगहों पर लगाए जा रहे ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर के जरिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में हालात कैसे भी हों सरकार इसका सामना करने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर से बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसके मद्देनजर राज्य के सभी बच्चों के अस्पतालों के नीकू, पीकू, एसएनसीयू और एमसीएच को सुदृढ़ करने के लिए विभाग काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लगाए जन अनुशासन पखवाड़ा, घर-घर सर्वे, व्यापक स्तर पर आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट कराने और घर-घर दवाओं की किट पहुंचाने के परिणाम स्वरूप अब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का असर तेजी से कम हो रहा है। प्रदेश में रिकवरी रेट 98 प्रतिशत से अधिक पहुंच गई है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश के 350 से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का चयन कर वहां मेडिकल सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इन केंद्रों पर ऑक्सीजन एवं अन्य उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 21 जून से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने की घोषणा की गई है लेकिन राज्य सरकार तो 100 करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च कर इस आयुवर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन गत एक मई से ही कर रही है।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा वैक्सीनेशन का पूर्ण सदुपयोग किया जा रहा है। प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के वैक्सीनेशन में जीरो प्रतिशत और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वैक्सीनेशन में केवल 0.7 प्रतिशत वेस्टेज है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा 10 प्रतिशत तक वेस्टेज अनुमत है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सा विभाग के 18 हजार टीकाकरण केंद्र हैं और पर्याप्त भंडारण क्षमता भी है। विभाग एक दिन में लगभग 15 लाख डोज लगाने की क्षमता भी रखता है।
यदि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को पर्याप्त मात्रा में डोज उपलब्ध कराई जाती है तो विभाग राज्य के लोगों का निर्बाध और समयबद्ध रूप से वैक्सीनेशन कर सकता है।
| | |
|