पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के कई इलाकों में बारिश और बर्फबारी तथा हिमालय की ओर से तेज ठंडी उत्तरी हवाओं के प्रभाव से राजस्थान के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई और राज्य के कई हिस्से शीतलहर और पाले की चपेट में आ गए।
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मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि राज्य में सर्दी का यह असर अभी 31 दिसंबर तक बने रहने की संभावना हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों से पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में सक्रिय होने के कारण देश के कई हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हुई। इसकी वजह से बीती रात राज्य में तेज ठंडी उत्तरी हवाओं के प्रभाव से अधिकतर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई और कई हिस्से शीतलहर और पाले की चपेट में आ गए।
उन्होंने बताया कि सोमवार को सबसे कम न्यूनतम तापमान पश्चिमी राजस्थान में चूरू में 0.6 डिग्री सेल्सियस जबकि पूर्वी राजस्थान में भीलवाड़ा में 1.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटों के दौरान जयपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर, संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर शीतलहर से अति शीतलहर व पाला पड़ने की ऑरेंज चेतावनी जारी की है।
विभाग के अनुसार सोमवार सुबह सबसे कम न्यूनतम तापमान राज्य के एक मात्र पर्वतीय पर्यटक स्थल माउंट आबू में माइनस 0.2 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 0.6 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में एक डिग्री, पिलानी-चित्तौड़गढ में 2-2 डिग्री, सीकर-श्रीगंगानगर में 3-3 डिग्री, टोंक-ऐरनपुरा में 4-4 डिग्री, जोधपुर-अजमेर में 5-5 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर-बूंदी-अलवर-जयपुर में 6-6 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर-सवाईमाधोपुर में 7-7 डिग्री सेल्सियस, कोटा-फलौदी में 9-9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
विभाग के अनुसार राज्य के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से लेकर 27 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।
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