Farmers Protest: पंजाब से चंडीगढ़ आ रहे किसानों को पुलिस ने रोका, सड़क पर ही धरने पर बैठ गए आंदोलनकारी

Last Updated 05 Mar 2025 10:53:27 AM IST

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से जुड़े किसानों ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में नियोजित ‘धरने’ के लिए चंडीगढ़ की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।


धरने के मद्देनजर चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर अवरोधक लगा दिए गए और सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

एसकेएम 30 से अधिक किसान संगठनों का एक समूह है और उसने अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में पांच मार्च से चंडीगढ़ में एक सप्ताह तक धरना देने का आह्वान किया है।

संगठन ने कहा कि बुधवार की सुबह ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और अन्य वाहनों से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए किसानों को पंजाब पुलिस रोक रही है।



मोगा में क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष जतिंदर सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ जाते समय मोगा जिले के अजीतवाल में पंजाब पुलिस ने उन्हें रोक दिया। सिंह ने दावा किया कि उनमें से कुछ को पुलिस ने ‘हिरासत में’ भी ले लिया।

चंडीगढ़ जाने की अनुमति नहीं दिए जाने पर किसानों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। उन्होंने बताया कि समराला में भी पुलिस ने किसानों को चंडीगढ़ जाने से रोक दिया।

प्रशासन ने चंडीगढ़ के सेक्टर 34 में किसानों को धरना देने की अनुमति नहीं दी।

चंडीगढ़ पुलिस ने मंगलवार को यातायात परामर्श जारी करते हुए कहा था कि सुचारू यातायात और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पांच मार्च को कुछ सड़कों पर यातायात नियंत्रित किया जा सकता है।

पंजाब पुलिस ने मंगलवार को बलबीर सिंह राजेवाल, रुल्दू सिंह मनसा, गुरुमीत सिंह भाटीवाल, नछत्तर सिंह जैतों, वीरपाल सिंह ढिल्लों, बिंदर सिंह गोलेवाल और गुरनाम भीखी सहित कई किसान नेताओं को ‘हिरासत’ में लिया।

एसकेएम नेता जोगिंदर सिंह उग्रहान ने मंगलवार को किसान नेताओं से चंडीगढ़ की ओर बढ़ने का आह्वान किया था।

उन्होंने किसानों से कहा कि अगर चंडीगढ़ जाते समय पुलिस उन्हें रोकती है तो वे किसी खाली जगह पर बैठ जाएं और कोई सड़क अवरुद्ध न करें।

मुख्यमंत्री मान ने मंगलवार को कई किसान संगठनों पर हर दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन करने, पंजाब को ‘धरनों का राज्य’ बनाने और राज्य को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।

एसकेएम ने अब निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था। वह कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा के केंद्र के मसौदे को वापस लेने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, राज्य की कृषि नीति को लागू करने और राज्य सरकार द्वारा एमएसपी पर छह फसलों की खरीद की मांग कर रहा है।
 

भाषा
चंडीगढ़


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