ओडिशा सरकार आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को देगी 20,000 रुपये मासिक पेंशन

Last Updated 14 Jan 2025 11:42:35 AM IST

ओडिशा सरकार ने सोमवार को 1975-77 में आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों के लिए 20,000 रुपये मासिक पेंशन और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को मंजूरी दी।


राज्य गृह विभाग द्वारा जारी नवीनतम अधिसूचना के अनुसार यह पेंशन 26 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक मीसा (आंतरिक सुरक्षा अधिनियम, 1971) या डीआईआर (भारत रक्षा नियम) या डीआईएसआईआर (भारत रक्षा और आंतरिक सुरक्षा नियम) के तहत जेल में बंद व्यक्तियों को प्रदान की जाएगी।

इसमें कहा गया है, "पेंशन जीवित व्यक्तियों (अर्थात जो 1 जनवरी, 2025 तक जीवित थे) के पक्ष में स्वीकृत की जाएगी, भले ही वे जेल में कितने भी समय तक रहे हों।"

गृह विभाग ने कहा कि वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रावधानों के अनुसार मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभ उठा सकते हैं।

ये लाभ 1 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाली अवधि के लिए प्रदान किए जाएंगे। 1 जनवरी, 2025 से पहले की अवधि के लिए कोई लाभ नहीं दिया जाएगा।

स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन दोगुनी करने के अलावा मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी (Mohan Charan Majhi ) ने 2 जनवरी को घोषणा की कि आपातकाल के दौरान मीसा के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को 20,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।

आपातकाल को लोकतंत्र के सबसे काले दौरों में से एक बताते हुए उन्होंने कहा, "मीसा कानून के तहत कारावास झेलने वाले देशभक्तों के सम्मान में हमारी सरकार पेंशन, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और मुफ्त बस पास मुहैया कराएगी।"

देश के तीन राज्यों ने आपातकाल के दौरान मीसा या डीआईआर बंदियों के लिए पेंशन योजना शुरू की है। मध्य प्रदेश जहां आपातकाल पीड़ितों को 15,000 से 25,000 रुपये प्रति वर्ष दे रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ 5,000 से 25,000 रुपये प्रति माह और राजस्थान 20,000 रुपये प्रति माह दे रहा है ।

अगस्त 2019 में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पिछली बीजू जनता दल (बीजद) सरकार ने मधुबाबू पेंशन योजना के तहत आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को 500 रुपये पेंशन देने की घोषणा की थी, लेकिन इसकी अल्प राशि को लेकर काफी आलोचना हुई थी।

आईएएनएस
भुवनेश्वर


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