जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण का मतदान हो रहा है। इस दौरान वाल्मीकि समाज ने पहली बार किया मतदान किया है।
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यह कई दशकों में पहली बार है, जब इस समाज के लोगों को मतदान का अधिकार मिला है। वर्षों से हाशिये पर रहे इस समाज के लोगों ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी का धन्यवाद अदा किया।
तीसरे चरण के तहत जम्मू संभाग की 24 सीटों पर हो रहे मतदान के दौरान वाल्मीकि समाज के लोग गदगद नजर आए। इस दौरान इस समाज के कुछ वोटर्स ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए अपना अनुभव शेयर किया।
वाल्मीकि समाज के एक 85 वर्षीय सदस्य ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, "आज पहली बार वोट डाला है। बहुत खुशी हुई है। हमारे लिए यही मुद्दें हैं कि हमारे बच्चे कई साल पढ़ाई करने के बाद भी घर पर खाली बैठे हैं। गरीबों की सुनी जाए।"
वाल्मीकि समाज की एक युवा वोटर ने कहा, "हर एक सरकार के वोट बैंक होते हैं। हमें जब वोटिंग का अधिकार नहीं था तो कोई कैसे हमारी सुध बुध लेता। हमारा दर्द सिर्फ मोदी सरकार ने समझा है। इसके लिए हम उनके शुक्रगुजार हैं। उन्होंने आर्टिकल 370 को हटाया, जिसके बाद हमारे लिए तरक्की के रास्ते खुल गए हैं। हमारे बच्चे बिजनेस, अच्छी नौकरी के जो सपने देखते थे, वह साकार हो रहे हैं। हमारे समाज का एक लड़का जेई बना है। मैं भी पढ़ाई में आगे बढ़ पाई हूं। मैं यही अपील करूंगी कि ऐसी सरकार को चुनें जो विकास को बढ़ावा दे। न की ऐसे लोगों को चुनें जो आतंकवाद और गलत कार्यों को बढ़ावा दे रहे हैं।"
45 साल के एक वोटर ने कहा, "काफी उत्सुकता है। 45 साल में मैं पहली बार वोट दे रहा हूं। मेरे साथ 84 साल के सज्जन खड़े हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है लेकिन जम्मू-कश्मीर में कुछ काले कानूनों, आर्टिकल 370 के चलते हमारे अधिकारों का हनन हुआ था। आर्टिकल 370 हटने के बाद केंद्र सरकार ने हमें वोटिंग का अधिकार दिया, हमें शेड्यूल कास्ट में डाला। ये वो समाज है जिसने जम्मू-कश्मीर को स्वच्छता प्रदान दी, लेकिन खुद एक बीमारी से ग्रस्त था- गुलामी और बंधुआ मजदूरी की।"
उन्होंने कहा कि वोटिंग के दौरान मुख्य मुद्दे यही हैं कि वाल्मीकि समाज की कॉलोनी का नियमन हो। हमारे जिन बच्चों की उम्र ज्यादा हो गई है उनको नौकरी दी जाए, जो बिजनेस करना चाहते हैं उनको सस्ते लोन दिए जाएं। इसके अलावा हमारे पास रहने की जगह की काफी कमी है। तो सरकार पुनर्वास योजना के तहत हमें बसाएं। हमें भी अच्छे व स्वच्छ वातावरण में रहने का मौका मिले।
जम्मू में इस समाज के करीब 6-7 हजार वोटर हैं। क्या नई सरकार के गठन के बाद इन लोगों की आवाज कहीं दबकर रह जाएगी? इस पर उन्होंने आगे कहा, "केंद्र में हमारी प्रिय सरकार है। पीएम मोदी ने चार पांच दिन पहले भी वाल्मीकि समाज का जिक्र किया था। इससे हमारा दिल गदगद हो जाता है। वह हमारे मुखिया हैं जिन्होंने हमारे वंचित समाज का ध्यान रखा है। इसलिए इस बात की कोई संभावना नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में जो सरकार आएगी, वह हमें नजरअंदाज करेगी।"
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