गुरुग्राम हादसा : सीएम ने IIT से स्ट्रक्चरल आडिट कराने के आदेश दिए

Last Updated 15 Feb 2022 05:29:50 AM IST

गुरुग्राम की बहुमंजिला इमारत में घटिया निर्माण सामग्री प्रयोग करने के मामले में गुरु ग्राम नगर नियोजक की आंखें खुलने में तीन दिन लग गए।


गुरुग्राम हादसा

उधर जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोसाइटी के स्ट्रक्चल आडिट के आदेश दे दिए हैं। जबकि नगर नियोजन विभाग ने इस मामले में मुकदमा दर्ज तो करा दिया, लेकिन सोसाइटी बनाने वाली कंपनी के प्रबंध निदेशक को बचाने की कोशिश करने में अब भी कमी नहीं छोड़ी है। जिसके बाद गुरु ग्राम प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
गौरतलब है कि 10 फरवरी को द्वारका एक्सप्रेस-वे के सेक्टर-109 में बनी चिन्टेल्स पैराडाइज की एक इमारत की छह मंजिलों के लेंटर भरभरा कर गिर गए थे। हैरानी की बात है कि करीब तीन करोड़ कीमत वाले अपार्टमेंट वाली इस सोसाइटी में साल 2018 में ही लोगों को पजेशन दिया गया था। उसके कुछ महीनों बाद से ही इसमें रहने वाले लोगों ने घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग की शिकायत शुरू कर दी थी। मगर गुरु ग्राम का नगर नियोजन विभाग आंखें बंद करके बैठा रहा। नतीजा यह हुआ कि 10 फरवरी के हादसे में दो महिलाओं ने अपनी जान गंवा दी।
हैरानी की बात है कि इस मामले में गुरु ग्राम के नगर नियोजन विभाग को मुकदमा दर्ज कराने में तीन दिन लग गए। रविवार रात करीब पौने दस बजे पश्चिम गुरु ग्राम के बाजघेरा थाने में जिला नगर नियोजक प्रवर्तन आरएस बाठ की शिकायत पर दर्ज मुक़दमे में चिन्टेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और तथाकथित ड्रग्स माफिया अशोक सोलोमन के साथ पांच अन्य को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में चिन्टेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रशांत सोलोमन को बचाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि उसका नाम एफआईआर में शामिल ही नहीं किया गया है। दर्ज शिकायत के अनुसार, निर्माण कार्य और बुनियादी ढांचे को प्रमाणित करने के मामले में अजय साहनी और अरविन्द कुमार गुप्ता, वास्तुकार आशीष जायसवाल, सिविल इंजीनियर कुंवर खलिक़ अहमद और निर्माण करने वाली कंपनी भयाना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड सहित एक अज्ञात को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी से संबंधित धाराओं 417, 420, 465, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में जानबूझकर प्रशांत सोलोमन को बचाने की कोशिश की जा रही है। जबकि वह नगर नियोजन विभाग की शिकायत में शामिल तीन कंपनियों का निदेशक है। बताया जाता है कि इस मामले में प्रशांत के मामा ससुर टेडी क्वाड्रोस भी निर्माण कार्य कराया था, लेकिन मामले में उसे आरोपी नहीं बनाया गया है। इस बारे में किए गए सवाल पर वरिष्ठ नगर नियोजक संजीव मान कहते हैं कि मैं नहीं जानता कि जिला नगर नियोजक ने मुकदमा दर्ज कराने में तीन दिन क्यों लगा दिए। इसके अलावा तीन साल से हो रही शिकायतों के बावजूद वांछित कार्रवाई नहीं होने और मुख्य आरोपी प्रशांत सोलोमन का नाम मुक़दमे में शामिल नहीं करने के सवाल पर वह कहते हैं कि इस मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव नगर नियोजन विभाग इस मामले को खुद देख रहे हैं। अभी तक इस मामले में जिला नगर नियोजन विभाग की लापरवाही की जांच को लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं दिए गए हैं।

सुबोध जैन/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment