पंजाब में राजनीतिक सभाओं पर लगाई रोक, उल्लंघन करने वालों की खैर नहीं
पंजाब में कोविड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को 30 अप्रैल तक राजनीतिक सभाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया और कहा कि राजनीतिक नेताओं सहित उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ डीएमए और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (file photo) |
मुख्यमंत्री ने रात के कर्फ्यू रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक के विस्तार की भी घोषणा की। इसे पहले राज्य के 12 जिलों में लागू किया गया था, अब पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है। अंतिम संस्कार और शादियों में उपस्थित लोगों की संख्या को घटाकर इंडोर में 50 और आउटडोर में 100 कर दिया गया है।
सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए ऑफिस में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि पंजाब में 85 प्रतिशत से अधिक मामले यूके स्ट्रेन के हैं, जो अधिक संक्रामक और खतरनाक हैं।
उन्होंने पुलिस और जिला प्रशासन को आदेश दिया कि वे तम्बूओं के मालिकों समेत सभाओं के आयोजकों और प्रतिभागियों के खिलाफ मामले दर्ज करें, जो इस तरह के समारोहों का आयोजन करते हैं।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि आयोजन स्थल के मालिक, जो इस तरह के आयोजनों के लिए जगह प्रदान करेंगे, उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा । उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और उनके स्थानों को तीन महीने के लिए सील कर दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि 30 अप्रैल तक किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक या खेल समारोहों और संबंधित समारोहों की अनुमति नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को भी रात के कर्फ्यू को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया।
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