कोलकता एक बार फिर भारत की राजधानी बने: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर कोलकाता को एक बार फिर भारत की राजधानी घोषित किये जाने की मांग की।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी |
बनर्जी ने यहां एक मैदान में नेताजी की प्रतीमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद न केवल कोलकाता बल्कि देश की चारों दिशाओं में एक-एक राजधानी बनाये जाने की मांग की। साथ ही, उन्होंने देश की चारों राजधानियों में संसद का सत्र चलाये जाने की भी मांग की। उनके प्रस्ताव के अनुसार कोलकाता के अलावा दक्षिण भारत, उत्तर भारत और पूर्वोत्तर भारत में भी राजधानी बनाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत बंगाल और बिहार से हुई और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आंदोलन के लिए बेलाघटा आया करते थे। कई सामाजिक सुधार के कार्य और पुनर्जागरण की पहल इसी राज्य से हुई थी। इसलिए बंगाल को किसी भी सूरत में वंचित नहीं रखा जा सकता है।’’
ममता बनर्जी ने योजना आयोग को खत्म करने पर केंद्र की आलोचना की। ममता बनर्जी के मुताबिक, इस आयोग की परिकल्पना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने की थी।
नेताजी सुभाष चंद्र की 125वीं जयंती पर यहां स्थित नेताजी भवन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने बोस को ऐसी हस्ती बताया जिन्होंने देश के सभी समुदायों की एकता की वकालत की।
उन्होंने नेताजी की जयंती 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की।
बनर्जी ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, ‘‘क्यों योजना आयोग को भंग किया गया जिसकी परिकल्पना नेताजी ने आजाद भारत के लिए की थी? क्यों नेताजी की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की हमारी सरकार की मांग अब भी लंबित है? ’’
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने योजना आयोग को भंग कर उसके स्थान पर नीति आयोग का गठन किया था।
बनर्जी ने कहा, ‘‘हम केवल चुनाव से पहले नेताजी को याद नहीं करते। वह हमारे दिलों में 365 दिन रहते हैं। हम उनके परिवार के संपर्क में हैं।’’
उन्होंने कहा कि रवींद्र नाथ टैगोर ने नेताजी को ‘देशनायक’ बताया था। बनर्जी ने कहा, ‘‘हम उनकी जयंती को ‘देशनायक दिवस’ के रूप में मना रहे हैं।’’
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