भूमि सौदा मामला: राकांपा नेता खडसे से ED की पूछताछ
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे 2016 के जमीन सौदा मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचे।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे(फाइल फोटो) |
खडसे को पूर्वाह्न 11 बजे दक्षिण मुंबई में बलार्ड इस्टेट में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में प्रवेश करते हुए देखा गया। वह पुणो शहर के करीब भोसरी इलाके में अपने परिवार के जमीन सौदा मामले में ईडी अधिकारियों के सामने पेश हुए हैं।
ईडी कार्यालय रवाना होने के पहले अपने घर के बाहर मीडिया से बात करते हुए खडसे ने कहा कि वह एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे।
भाजपा के पूर्व नेता खडसे पिछले साल राकांपा में शामिल हुए थे।
ईडी के कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है। खडसे के समर्थक वहां जमावड़ा ना लगाएं, इसके लिए बैरिकेड लगाए गए हैं।
ईडी ने खडसे को 30 दिसंबर को तलब किया था लेकिन वह स्वास्थ्य कारणों से पेश नहीं हुए थे। ईडी के अधिकारियों ने उन्हें एजेंसी के सामने पेश होने के लिए 14 दिनों का समय देने पर सहमति जताई थी।
इससे पहले, महाराष्ट्र भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) ने मामले में जांच की थी और क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी।
आयकर विभाग ने भी मामले में सूचनाएं मांगी थी।
भूमि सौदा के संबंध में आरोपों के बाद खडसे ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से 2016 में इस्तीफा दे दिया था। आरोप है कि अपने परिवार के लिए सरकारी जमीन की खरीदारी में उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। खडसे ने बार बार इन आरोपों से इनकार किया है।
पिछले महीने ईडी की एक टीम सबूतों की जांच करने और सौदे में कथित अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेज जुटाने के लिए पुणे गई थी, जिसने 2016 में तत्कालीन भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में खडसे को मंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर किया था।
इसके बाद, ईडी ने इस मामले में व्हिसल-ब्लोअर एक्टिविस्ट अंजलि दमानिया का बयान दर्ज किया, जिसे लेकर उन्होंने अदालत का रुख किया था।
दमानिया ने जमीन के सौदे के बारे में दस्तावेज और अन्य सबूत भी सौंपे थे, जिसे राज्य भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने जांचा था, खडसे को क्लीन चिट दे दी थी और बाद में मामला बंद कर दिया था।
वहीं, खडसे (68), जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में राकांपा में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ दी थी - ने निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा कि किसी भी अनियमितता के बिना पूरा लेनदेन बिल्कुल पारदर्शी था।
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