पश्चिम बंगाल में 'बिगड़ती कानून व्यवस्था' का विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ने गुरुवार को राज्य सचिवालय 'नबान्न' तक मार्च निकाला।
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मार्च दोपहर 12 बजे चार अलग-अलग जगहों से शुरू हुआ। राज्य में भाजपा नेतृत्व ने दावा किया कि मार्च में विभिन्न जिलों से एक लाख के लगभग भगवा समर्थक शामिल हुए।
'नबान्न मार्च' का आयोजन भाजपा के युवा मोर्चा ने किया।
भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित निवास के पास विरोध प्रदर्शन किया और 'जय श्री राम' के नारे लगाए गए। भाजपा समर्थकों को कोलकाता के पड़ोसी हुगली जिले के दानकुनी में रोका भी गया। सभा को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज भी किया।
यह विरोध रैली पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने की भाजपा की रणनीति का एक हिस्सा है। राज्य में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने वाला है।
इस बीच ममता बनर्जी सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि कोविड-19 सैनिटाइजेशन के लिए दो दिन 8 और 9 अक्टूबर को सचिवालय यानी नबान्न बिल्डिंग बंद रहेगी।
विरोध के दौरान इस इलाके में कोई अप्रिय घटना न हो, उसके लिए पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। ड्रोन के जरिए पुलिस हवाई निगरानी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, केवल कोलकाता में 2,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
भाजपा नेता सायंतन बसु ने कहा, "हम एक जिम्मेदार राजनीतिक दल हैं और हम शांतिपूर्ण विरोध रैली निकालेंगे। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि राज्य सरकार ने नबान्न और उसके आसपास सुरक्षा के इतने इंतजाम क्यों किए हैं।"
राज्य भाजपा नेतृत्व ने कहा कि नबान्न को बंद करना तृणमूल कांग्रेस के डर को दर्शाता है।
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