दिल्ली में पांच साल में मतदाता सूची से 61 हजार नाम कटे, केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस क्यों नहीं की : प्रवेश वर्मा

Last Updated 30 Dec 2024 05:12:47 PM IST

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 12 फीसदी से ज्यादा "वोट इधर-उधर करने" का आरोप लगाया था। इस पर भाजपा नेता प्रवेश वर्मा ने सोमवार को पलटवार किया है।


भाजपा नेता प्रवेश वर्मा

प्रवेश वर्मा ने कहा, "(दिल्ली विधानसभा) चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल की बौखलाहट साफ देखी जा सकती है। उन्हें हार का डर सता रहा है, जिसके कारण वह झूठ बोलने लगे हैं और गलत तथ्यों को सामने ला रहे हैं। साल 2020 में नई दिल्ली विधानसभा में कुल एक लाख 46 हजार वोटर थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर केवल एक लाख छह हजार रह गई है, यानी 40 हजार वोटर कम हो गए हैं। इसमें से 22 हजार वोटर नए हैं। अगर हम नए वोटरों को अलग कर दें, तो पिछले पांच साल में करीब 61 हजार मतदाता घट गए हैं, यानी हर महीने औसतन एक हजार मतदाता कम हुए हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "इस घटती हुई संख्या पर अरविंद केजरीवाल ने आज तक कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की और न ही इस बड़े आंकड़े को लेकर कोई स्पष्टीकरण दिया। जब मैंने यहां के लोगों से बात की, जिनमें अधिकांश भारतीय जनता पार्टी के समर्थक थे, तो उन्होंने बताया कि उनका नाम पहले भी कट चुका था और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कट गया। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कैसे हुआ, क्योंकि वे तो यहीं रहते हैं।"

अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा था, "भारतीय जनता पार्टी ने नई दिल्ली विधानसभा में पिछले 15 दिन में लगभग पांच हजार मतदाताओं के नाम काटने के लिए आवेदन दिए गए हैं। इसके अलावा साढ़े सात हजार वोट जोड़ने के लिए भी आवेदन दिए गए हैं। इन्होंने हमारी विधानसभा जिसमें कुल एक लाख छह हजार मतदाता हैं - से पांच फीसदी मतदाताओं के नाम डिलीट करवाने का आवेदन दिया है। साथ ही 7.5 फीसदी मतदाताओं के नाम जुड़वाए जा रहे हैं। इसके बाद फिर चुनाव कराने की जरूरत बची ही क्या है? अगर 12 फीसदी से ज्यादा वोट इधर के उधर कर दिए जाएंगे तो फिर चुनाव बचा ही कहां? इस देश में चुनाव के नाम पर खेल हो रहा है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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