दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) को सोमवार को चालक रहित तकनीक से लैस पहला मेट्रोपोलिस मेट्रो ट्रेनसेट प्राप्त हुआ जो एक मूल उपकरण निर्माता (OIM) को आउटसोर्स की गई पहली परियोजना का हिस्सा है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
|
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने बताया, ‘‘ दिल्ली मेट्रो परिवार के लिए ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि हमने चौथे चरण के गलियारों को शुरू करने की दिशा में एक और अहम कदम उठाया है।’’
कुमार ने कहा कि नये चरण के विस्तार के लिए पहले ट्रेन सेट को आंध्र प्रदेश के श्री सिटी से रवाना कर दिया गया है और हम अपने यात्रियों के लिए विस्तारित सुविधाओं और पर्यावरण हितैषी यात्रा के नये युग में प्रवेश कर रहे हैं।
विज्ञप्ति के मुताबिक ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत, महानगरीय रेलगाड़ियों को भारत में श्री सिटी में एल्सटॉम की निर्माण इकाई में डिजाइन किया जा रहा है और ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन (जीओए)-4 चालक रहित प्रौद्योगिकी से लैस किया गया है।
इसमें कहा गया कि ट्रेनसेट को 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सुरक्षित तरीके से संचालित करने और 85 किमी प्रति घंटे तक की परिचालन गति पर संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस ट्रेन सेट को दिल्ली मेट्रो की तीन लाइन पर परिचालित किया जाएगा जिनमें दो विस्तारित लाइन और नयी गोल्ड लाइन-10 शामिल है जिसकी लंबाई करीब 64.67 किमी है।
विज्ञप्ति के मुताबिक 31.2करोड़ यूरो मूल्य की इस परियोजना में 15 साल का रखरखाव शामिल है, जो डीएमआरसी द्वारा किसी ओईएम को इस तरह की पहली आउटसोर्सिंग है।
एल्सटॉम के प्रबंध निदेशक ओलिवियर लोइसन के मुताबिक मेट्रो ट्रेन सेट नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने और शहर के विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
विज्ञप्ति के मुताबिक यह ठेका चौथे चरण के परिचालन के मद्देनजर नवंबर 2022 में दिया गया था और इसके तहत छह डिब्बों वाले कुल 52 ट्रेन सेट की आपूर्ति करने का लक्ष्य है।
| | |
|