अमेरिका का राष्ट्रपति कोई भी बने, भारत उसके साथ मिलकर काम करने में सक्षम : विदेश मंत्री जयशंकर
नई दिल्ली में मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इंडिया स्पोरा सभा को संबोधित किया। इंडिया स्पार्की इंपैक्ट रिपोर्ट के लॉन्च के अवसर पर उन्होंने समकालीन साझेदारी के निर्माण में भारतीय प्रवासियों की भूमिका के बारे में बात की।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इंडिया स्पोरा सभा को संबोधित किया |
इस दौरान एस जयशंकर ने कहा, "अमेरिका का राष्ट्रपति कोई भी हो, भारत अमेरिका के साथ काम करने में सक्षम होगा। आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बारे में जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी प्रणाली अपना फैसला सुनाएगी और भारत को विश्वास है कि वह किसी भी सरकार के साथ काम करने में सक्षम है।"
उन्होंने कहा, "जब नेहरू पहली बार अमेरिका गए तो वहां तीन हजार भारतीय अमेरिकी थे, जब इंदिरा गांधी पहली बार अमेरिका गईं तो वहां 30 हजार भारतीय अमेरिकी थे, जब राजीव गांधी गए तो वहां तीन लाख थे और जब नरेंद्र मोदी गए तो वहां 33 लाख थे। मुझे लगता है कि प्रवासी समुदाय भारत और अमेरिका के बीच डिजिटल संपर्क के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।"
जयशंकर ने कहा, "आम तौर पर, हम दूसरे लोगों के चुनावों पर टिप्पणी नहीं करते, क्योंकि हम यह भी उम्मीद करते हैं कि दूसरे लोग हमारे चुनावों पर टिप्पणी नहीं करेंगे। अमेरिकी प्रणाली अपना फैसला सुनाएगी। लेकिन अगर आप पिछले 20 सालों को देखें, तो हमें पूरा भरोसा है कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ काम करने में सक्षम होंगे, चाहे वह कोई भी हो।"
जयशंकर ने कहा, "आप देख रहे हैं कि मध्य पूर्व में क्या हो रहा है, यूक्रेन में क्या हो रहा है, दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया में क्या हो रहा है, कोविड का प्रभाव जारी है, हममें से जो लोग इससे बाहर आ चुके हैं, वे इसे हल्के में लेते हैं, लेकिन कई लोग इससे बाहर नहीं आ पाए हैं।"
विदेश मंत्री ने दुनिया भर में आर्थिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि आज कई देश संघर्ष कर रहे हैं।
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