भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के संचालन के लिए किया 10 साल का करार

Last Updated 13 May 2024 09:35:08 PM IST

भारत ने सोमवार को ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट स्‍थित चाबहार बंदरगाह पर शाहिद बेहिश्ती टर्मिनल के विकास और संचालन के लिए ईरान के साथ 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।


भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के संचालन के लिए किया 10 साल का करार

ईरान में भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, "तेहरान में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन द्वारा केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।"

समझौते के तहत, सरकारी स्वामित्व वाली आईपीजीएल लगभग 120 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी, जबकि वित्तपोषण में अतिरिक्त 250 मिलियन डॉलर होंगे, जिससे अनुबंध का मूल्य 370 मिलियन डॉलर हो जाएगा, ईरानी सड़क और शहरी विकास मंत्री मेहरदाद बजरपाश ने तेहरान में पत्रकारों को बताया।

समझौते पर सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए, जो व्यस्त लोकसभा चुनाव अभियान के बीच इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए तेहरान गए थे।

सोनोवाल ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर के साथ दोनों देशों ने चाबहार में भारत की दीर्घकालिक भागीदारी की नींव रखी है।

नया समझौता 2016 में हस्ताक्षरित पहले के समझौते की जगह लेता है, जिससे भारत को चाबहार बंदरगाह में शहीद बेहिश्ती टर्मिनल को संचालित करने की अनुमति मिलती है, जिसे हर साल नवीनीकृत किया जाना था।

सोनोवाल ने समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा, "चाबहार बंदरगाह का महत्व भारत और ईरान के बीच एक मात्र माध्यम के रूप में इसकी भूमिका से कहीं अधिक है। यह भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण व्यापार धमनी के रूप में कार्य करता है।"

सोनोवाल ने कहा, "इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने से चाबहार बंदरगाह की व्यवहार्यता और दृश्यता पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा।" उन्होंने कहा, "चाबहार न केवल भारत का निकटतम ईरानी बंदरगाह है, बल्कि यह समुद्री दृष्टिकोण से भी एक उत्कृष्ट बंदरगाह है।"

भारत ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों तक माल पहुंचाने के लिए चाबहार बंदरगाह पर एक टर्मिनल विकसित कर रहा है। ईरान के साथ नया समझौता पाकिस्तान में कराची और ग्वादर बंदरगाह को दरकिनार करते हुए ईरान के जरिए दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच एक व्यापार मार्ग खोलेगा।

इस बीच, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मुंबई में कहा कि यह समझौता बंदरगाह से बड़े निवेश और अधिक लिंकेज के लिए मार्ग प्रदान करेगा।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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