चुनाव आयोग के फैसले से नाखुश शरद पवार ने खटखटाया SC का दरवाजा

Last Updated 16 Feb 2024 05:32:07 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वो शरद पवार की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा। दरअसल, पवार ने हाल ही में चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बता दें कि बीते दिनों आयोग ने डिप्टी सीएम अजीत पवार के गुट वाले एनसीपी को असली एनसीपी बताया था और उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह घड़ी आवंटित किया था। इस पर शरद पवार ने आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।


शरद पवार ने खटखटाया SC का दरवाजा

शरद पवार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ से मांग की है कि वो इस मामले को सूचीबद्ध करें।

सिंघवी ने कहा कि अगर इस सप्ताह के अंत में शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में शरद पवार गुट को पार्टी व्हिप के अधीन किया गया तो एक अजीब स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा, "हमारी स्थिति उद्धव ठाकरे से भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाएगी, क्योंकि अभी तक हमें कोई चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया गया है।"

अजित पवार को प्रतिवादी बनाने की याचिका शरद पवार ने 12 फरवरी को वकील अभिषेक जेबराज के माध्यम से दायर की थी।

बता दें कि अजित पवार गुट पहले से ही इस मामले में कैविएट याचिका दाखिल कर चुका है। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत कोई भी फैसला करने से पहले इसे सुने। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचे।

गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले मे अजित पवार को असली शिवसेना बताया था। सनद रहे कि 2023 में शिवसेना में हुए विभाजन के बाद पैदा हुए सियासी बवाल पर अजित और शरद गुट की ओर से याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर बीते दिनों चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुनाया था, लेकिन अब शरद पवार ने इस पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है।

गौरतलब है कि गत जुलाई में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था, इसके बाद उन्होंने एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली सरकार के खेमे में शामिल हो गए, जहां उन्हें डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से पार्टी और चुनाव चिन्ह पर दावा किया गया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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