कांग्रेस के लिए देश से भी ऊपर है एक परिवार, इंदिरा गांधी से सीखें राहुल गांधी : अनुराग ठाकुर

Last Updated 16 Mar 2023 06:02:19 PM IST

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान देरी से यानी चौथे दिन विदेश यात्रा से वापस आने के बाद लोकसभा में आने के लिए राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि परदेशी घर आ गए हैं, तो अब विदेशी सरजमीं से भारत की छवि खराब करने के अपने कृत्यों पर माफी मांग लें।


केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर

अनुराग ठाकुर ने कहा, घर आया परदेशी। वेलकम इन पार्लियामेंट। लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए सदन इंतजार कर रहा था। पूरा हफ्ता हो गया था, इंतजार करते करते। राहुल गांधी ने विदेशी सरजमीं से देश को अपमानित करने का काम किया है, ये टुकड़े टुकड़े व देश का नामोनिशान मिटाने के सपने देखने वाले गैंग के साथ खड़े होते हैं, अपनी पार्टी में शामिल करते हैं। अब विदेश में जाकर भारत को बदनाम करने का काम, झूठ बोलने का काम, संसद का अपमान करने का काम किया है। उन्हें सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए।

ठाकुर ने कहा, विदेश में जाकर देश का अपमान करना और फिर इसका ठीकरा दूसरों के माथे फोड़ना कांग्रेस की पुरानी आदत है। अपनी सरकार का आर्डिनेंस फाड़ कर उसे नॉनसेंस बोलना राहुल गांधी की पुरानी आदत है। राजीव गांधी ने भी प्लानिंग कमीशन को बंच ऑफ जोकर्स कहा था। ना जाने मनमोहन सिंह ने दोनों बार ये अपमान कैसे सहे होंगे।

कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा ,कांग्रेस के लिए देश के भी ऊपर एक परिवार है। ये आज नहीं पहले भी कहते थे इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा। अभी भी इनका यही चल रहा है। दुर्भाग्य ये है की सदन से माफी मांगने की बजाय ये उल्टा सदन को कोसते हैं, सांसदों को कोसते हैं। स्पीकर के ऊपर ठीकरा फोड़ने का काम करते हैं। सच्चाई ये है की किसी भी विषय पर बोलने से इनको कभी नहीं रोका गया।

राहुल गांधी को इंदिरा गांधी से सीख लेने की नसीहत देते हुए ठाकुर ने कहा, "आज दुनिया ने भारत के नेतृत्व को माना है लेकिन शायद कांग्रेस मानने को तैयार नहीं है। लेकिन कम से कम संसद का तो अपमान ना करें। संसद का समय बर्बाद ना करें। देश के बारे में ऐसे विचार रखना, ये 60 वर्षों तक देश पर राज करने वाली पार्टी का दुर्भाग्य है। इन्हें तो विदेश में किसी ने ज्ञान दिया की जब इंदिरा जी विदेश आई थीं, तब देश के बारे में कुछ नहीं कहा था लेकिन आप उनसे भी नहीं सीखे।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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