सदस्यों को सदन में विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है : लोकसभा अध्यक्ष

Last Updated 12 Mar 2023 07:09:07 PM IST

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि भारत में एक जीवंत बहुदलीय प्रणाली के साथ एक मजबूत भागीदारी लोकतंत्र है, जहां नागरिकों की आशाएं और आकांक्षाएं निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से अभिव्यक्ति पाती हैं।


लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

बिरला ने यहां बहरीन की राजधानी में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 146वीं विधानसभा में आम बहस के दौरान कहा, सभी सदस्यों (सांसदों) को लोकसभा में अपने विचार और विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है।

मनामा में 11 से 15 मार्च तक आईपीयू की 146वीं सभा हो रही है।

बिरला की टिप्पणी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि जब विपक्षी सदस्य बोलते हैं तो माइक बंद कर दिया जाता है। लोकसभा अध्यक्ष ने हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के नाम का उल्लेख नहीं किया।

भारत के लंबे समय से चले आ रहे ²ष्टिकोण को दोहराते हुए कि सभी वैश्विक मुद्दों को बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, भारत की संसद ने हमेशा जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता, सतत विकास जैसी समकालीन वैश्विक चुनौतियों पर व्यापक और सार्थक विचार-विमर्श किया है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति, सद्भाव और न्याय का प्रसार करने वाली वैश्विक संस्थाएं शांति, समृद्धि, स्थिरता और न्यायोचित विश्व व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।

बिरला ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे वैश्विक संस्थानों में तेजी से बदलती विश्व व्यवस्था की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए सुधार लाने के लिए कई देशों के बीच व्यापक सहमति है।

लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार में और देरी नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि इस विषय को भविष्य के वैश्विक एजेंडे में शामिल किया जाए, ताकि हम जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, गरीबी, लैंगिक समानता और आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निपटने में अधिक से अधिक योगदान दे सकें।

उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने के लिए वैश्विक जलवायु कार्य योजना की अभिव्यक्ति में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है।

यह देखते हुए कि भारत ने हमेशा पूरी दुनिया को शांति और सद्भाव का संदेश दिया है, बिरला ने भारत के इस विश्वास को दोहराया कि एक समावेशी और सहिष्णु समाज का निर्माण शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, आपसी चर्चा और संवाद के माध्यम से ही संभव है।

उन्होंने कहा, हमारी संसद को इस संबंध में निर्णायक भूमिका निभानी है।

बिरला ने विश्व समुदाय से मानवता के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ आने का भी आह्वान किया।

आईएएनएस
मनामा (बहरीन)


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment