दिल्ली सरकार बनाम एलजी : नए कानून के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को नए कानून के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। नया कानून कथित तौर पर निर्वाचित सरकार के बजाय उपराज्यपाल (एलजी) को प्राथमिकता देता है।
सुप्रीम कोर्ट |
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, "हम याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे।"
सिंघवी ने पीठ के समक्ष कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अधिनियम 2021 सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 239ए (जो दिल्ली की स्थिति से संबंधित है) के खिलाफ है। एलजी को दी गई अतिरिक्त शक्ति ने शासन को मुश्किल बना दिया है।
लोकसभा और राज्यसभा ने क्रमश: 22 मार्च और 24 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटीडी) संशोधन अधिनियम, 2021 पारित किया था।
सिंघवी ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की याचिका को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए, क्योंकि इसे शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री ने 19 अगस्त को मंजूरी दे दी थी।
मार्च में संसद द्वारा विधेयक को मंजूरी किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे 'भारतीय लोकतंत्र के लिए दुखद दिन' करार दिया था।
संशोधित अधिनियम में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम, 1991 के चार प्रावधानों को बदल दिया गया है।
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