उपराज्यपाल के जरिए दिल्ली सरकार के काम में दखल दे रही है केन्द्र सरकार: सिसोदिया

Last Updated 16 Jul 2021 07:18:37 PM IST

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि केंद्र उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली सरकार के काम में हस्तक्षेप कर रहा है, और इसे ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ के रूप में बताया।


उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने फैसला किया कि किसानों के आंदोलन से संबंधित अदालती मामलों में लोक अभियोजक दिल्ली सरकार के वकील होंगे और यह केवल दिल्ली सरकार के दायरे में आता है।

उन्होंने कहा, ‘‘वकीलों की नियुक्ति दिल्ली सरकार के दायरे में आती है। उपराज्यपाल केवल दुर्लभतम मामलों में दिल्ली सरकार के फैसले पर अपनी राय दे सकते हैं।’’ उन्होंने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने उपराज्यपाल द्वारा इस वीटो अधिकार के उपयोग को परिभाषित किया है। राशन को घर-घर तक पहुंचाना और किसानों के विरोध से संबंधित अदालती मामले दुर्लभ से दुर्लभतम मामले नहीं हैं। इस अधिकार का इस्तेमाल हर किसी मामले में नहीं किया जा सकता है। यह लोकतंत्र की हत्या है।’’

दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को केन्द्र पर कृषि विरोधी कानूनों से जुड़े मामलों में पेश होने वाले अपने अभियोजकों को बदलने और उनकी जगह दिल्ली पुलिस के अभियोजकों की सेवाएं लेने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा था, ‘‘उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने शहर की सीमाओं पर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के खिलाफ मामलों में पेश होने वाले दिल्ली सरकार के वकीलों के पैनल को ‘खारिज’ कर दिया है।’’

भाषा
नयी दिल्ली


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