राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना, मंजूरी के फिर एलजी के पास भेजी : केजरीवाल

Last Updated 17 Jun 2021 08:48:19 PM IST

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना की फाइल को मंजूरी के लिए एक बार फिर एलजी के पास भेजी है।


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

सीएम ने एलजी की आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा है कि राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना कानून के मुताबिक है। यह योजना केंद्र सरकार के आदेशों का पालन करने के लिए लागू की गई। करोना काल में इस योजना को रोकना गलत है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस योजना को लागू कर राशन की दुकानों पर लगने वाली भीड़ से बचा जा सकता है। सीएम ने कहा है कि पिछले तीन साल में चार बार एलजी को राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लेकर कैबिनेट के निर्णय की जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने कभी इसका विरोध नहीं किया। बीते फरवरी माह में इस योजना को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन किया गया, तभी भी एलजी ने विरोध नहीं किया। हमने केंद्र सरकार की सभी आपत्तियों को दूर किया और हाईकोर्ट ने अपनी पांच बार की सुनवाई के दौरान इस पर स्टे नहीं लगाया। साथ ही, कोर्ट केस के दौरान केंद्र सरकार ने कभी किसी अनुमोदन के बारे में नहीं बताया, फिर इस योजना को क्यों रोका जा रहा है।



सीएम ने कहा है कि मैंने उपराज्यपाल के नोट का अध्ययन किया है। जिसमें एक गंभीर गलतफहमी प्रतीत होती है। एलजी के समक्ष तात्कालिक मामला राशन की डोरस्टेप डिलीवरी स्कीम को मंजूरी नहीं है। यह योजना पहले ही अंतिम रूप ले चुकी है।

सीएम ने कहा है कि मंत्री परिषद ने 06 मार्च 2018 के कैबिनेट निर्णय के माध्यम से लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत लाभार्थियों के घर पर राशन (गेहूं के बदले पूरा आटा, चावल और चीनी) पहुंचाने की योजना को मंजूरी दी थी। दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (डीएससीएससी) को परियोजना के लिए एकल कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में अनुमोदित किया गया था। 677 करोड़ रुपए परियोजना पर परिव्यय के रूप में मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट के इस निर्णय के बारे में एलजी कार्यालय को सूचित किया गया था और एलजी द्वारा योजना को लेकर कोई विरोध नहीं किया गया।

इसके बाद, कैबिनेट ने 21 जुलाई 2020 को योजना में कुछ संशोधनों को मंजूरी दी और योजना का नाम 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' (एमएमजीजीआरवाई) रखने का निर्णय लिया। साथ ही, कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' (ओएनओआरसी) के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए सभी एफपीएस में ई-पीओएस उपकरण लगाए जाएंगे। ई-पीओएस, एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड और 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' को एक साथ लागू किया जाएगा। कैबिनेट के इस फैसले को एलजी कार्यालय में भी भेजा गया था और कोई आपत्ति नहीं जताई गई।

दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार की ओर से 19 मार्च 2021 को एक पत्र मिला, जिसमें इस योजना के नाम पर आपत्ति जताई गई है। हालांकि यह कानूनी रूप से जरूरी नहीं था, लेकिन किसी भी विवाद से बचने के लिए कैबिनेट की 24 मार्च 2021 को हुई बैठक में योजना का नाम पूरी तरह से हटा दिया गया। कैबिनेट के इस फैसले के माध्यम से केंद्र सरकार की सभी आपत्तियों को तत्काल हटा दिया गया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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