मीटू मामला: पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को झटका, कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी को किया बरी

Last Updated 17 Feb 2021 03:41:45 PM IST

दिल्ली की अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को आपराधिक मानहानि के आरोपों से बरी कर दिया।


दिल्ली की अदालत ने प्रिया रमानी के खिलाफ एम जे अकबर की शिकायत पर कहा कि जिस देश में महिलाओं के सम्मान के बारे में रामायण और महाभारत लिखी गई, वहां महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं, यह शर्म की बात है। एक महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत किसी भी मंच पर रखने का अधिकार है।

रमानी ने अकबर पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। रमानी ने 2018 में हैशटैग मीटू आंदोलन के मद्देनजर, अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

इसके फलस्वरूप अकबर ने रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था और केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

मुकदमा 2019 में शुरू हुआ और लगभग दो साल तक चला। 2017 में, रमानी ने वोग के लिए एक लेख लिखा, जहां उन्होंने नौकरी के साक्षात्कार के दौरान एक पूर्व बॉस द्वारा यौन उत्पीड़न किए जाने के बारे में बताया।

एक साल बाद, उसने खुलासा किया कि लेख में उत्पीड़न करने वाला व्यक्ति एमजे अकबर था।

अकबर ने अदालत को बताया कि रमानी के आरोप काल्पनिक थे और इससे उनकी प्रतिष्ठा पर ठेस पहुंची। दूसरी ओर, प्रिया रमानी ने इन दावों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने विश्वास, सार्वजनिक हित और भलाई के लिए यह आरोप लगाए हैं।

मामले में निर्णय महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इसी तरह के समान मामलों के लिए एक मिसाल कायम करता है, जो मीटू आंदोलन से उत्पन्न हुआ है।

एजेंसियां
नई दिल्ली


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