कूड़ा फैलाने वालों पर FIR क्यों नहीं : हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने मॉडल टाउन के आवासीय व बाजार के इलाके से कूड़ा नहीं उठाने पर नाराजगी जताई है।
दिल्ली हाईकोर्ट |
कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनआरडीएमसी) से पूछा है कि मॉडल टाउन की सड़कों पर कचरा फेंकने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई।
कोर्ट ने यह निर्देश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें आरोप लगाया गया है कि करीब तीन सप्ताह से हड़ताल पर चल रहे सफाई कर्मी रिहायशी इलाकों, बाजारों और सार्वजनिक सड़कों के बीच में कचरा फेंक रहे हैं। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि अगर 5 फरवरी तक कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त नहीं होती है और कूड़ा उठाने का काम शुरू नहीं होता है तो अगली सुनवाई के दिन निगमायुक्त को पेश होना पड़ेगा। न्यायमूर्ति ने स्पष्ट किया कि यदि कूड़ा उठाने का काम शुरू हो गया तो उन्हें पेश होने की जरूरत नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निगम से पूछा कि सड़कों पर कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की? आप इसके बारे में क्या करने जा रहे हैं। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर निगम द्वारा जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो हो सकता है मॉडल टाउन के निवासी गलियों से कूड़ा एकत्रित कर नगर निगम के अधिकारियों के कार्यालयों के बाहर फेंक देंगे। कोर्ट ने फेडरेशन ऑफ मॉडल टाउन एसोसिएशनों की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि निगम के सफाई कर्मी जानबूझकर तीन सप्ताह से अधिक समय से अनुपस्थित हैं और कचरा हटाने के अपने वैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं वे कचरे और गंदगी से भरे ट्रकों को ला रहे हैं और उन्हें आवासीय क्षेत्रों व बाजार के बीच में फेंक रहे हैं।
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