निजीकरण का विरोध करेगी ‘आप’

Last Updated 02 Feb 2021 04:56:14 PM IST

आम बजट में बिजली, रेलवे, परिवहन आदि क्षेत्रों के निजीकरण पर जोर दिए जाने से नाराज चल रहे कर्मचारी संगठनों को आम आदमी पार्टी (आप) ने भरोसा दिलाया है कि पार्टी उनके हितों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है और सरकारी विभागों के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई में हर कदम पर साथ है।


निजीकरण का विरोध करेगी ‘आप’

आप के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि कर्मचारी नेताओं की नाराजगी जायज है। इससे सिर्फ कर्मचारियों का हित ही नहीं प्रभावित हो रहा, बल्कि सरकार का यह कदम आम आदमी के लिए भी मुश्किलें बढ़ाएगा। बिजली अभियंताओं की चिंता वाजिब है। निजी बिजली कंपनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बिजली सप्लाई करने पर जोर देंगी। इससे ग्रामीण एवं घरेलू उपभोक्ताओं की अनदेखी होना तय है। मुनाफे वाले क्षेाों पर निजी कंपनियों का कब्जा होगा और घाटे वाले क्षेा सरकारी कंपनी के जिम्में होंगे। सरकार का यह कदम विभागीय घाटे को और बढ़ाएगा, जो बाद में विभाग को बेचने का बहाना बनेगा। कमोबेश अन्य सरकारी विभागों में भी ऐसा ही होगा।     

सभाजीत सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश को बेचने का कुचक्र रच रही है। विभिन्न कर्मचारी संगठन सरकार की साजिश को बखूबी समझ रहे हैं। इसीलिए वो निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से अंबानी-अडानी जैसे अपने चंद पूंजीपति मित्रो की मुट्ठी में सौंपना चाहती है। इसके लिए सरकार नित नए पैंतरे आजमा रही है। आम आदमी पार्टी विभिन्न सरकारी विभागों के निजीकरण का खुला विरोध करते हुए कर्मचारी संगठनों के साथ खड़ी है। पार्टी का हर कार्यकर्ता और नेता सड़क से लेकर संसद तक सरकारी विभागों के निजीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ेगा।

वार्ता
लखनऊ


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