एनएचएआई की स्ट्रीट लाइट से फोन चार्ज और लाऊड स्पीकर चला रहे प्रदर्शनकारी किसान
कृषि कानून के खिलाफ 23वें दिन किसानों का प्रदर्शन जारी है। ऐसे में किसानों का प्रदर्शन (एनएचएआई) नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के लिए एक नई समस्या खड़ी कर रहा है। प्रदर्शनकारी किसान हाईवे पर लगी स्ट्रीट लाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
एनएचएआई की स्ट्रीट लाइट |
दरअसल दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ एक्सप्रेसवे की देख रेख एनएचएआई करता है। इस हाईवे पर लगी स्ट्रीट लाइट का प्रदर्शनकारी किसान फोन चार्ज करने, अपने स्पीकर बजाने, साथ ही टेंटों में लाइट जलाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
अब अधिकारियों को इस बात की चिंता है कि ज्यादा लोड बढ़ने से कहीं शॉर्ट सर्किट न हो जाए। दरअसल ये सिस्टम एक उचित लोड के अनुसार ही डिजाइन किए जाते हैं।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुदित गर्ग ने आईएएनएस को बताया, "हमने इस संबंध में गाजियाबाद जिलाधिकारी को सूचित कर दिया है। वहीं पुलिस अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है।"
"स्ट्रीट लाइट खास तरीके से डिजाइन की गई हैं। इसमें सेंसर लगा हुआ है। जो ज्यादा अंधेरा होने पर कम रोशनी देगा यानी जितना जरूरत होगा सिर्फ उतनी रोशनी ही ये सड़कों को प्रदान करेगा।"
"हमारे पास कुछ तस्वीरें है जिनमें प्रदर्शन कर रहे किसान इन स्ट्रीट लाइट्स से वॉशिंग मशीन, हीटर, फोन चार्जिग, लाउड स्पीकर चलाने का काम कर रहे हैं। ये सब चलने से सिस्टम पर असर पड़ेगा और भविष्य में शॉर्ट सर्किट होने की भी समस्या खड़ी हो सकती है।"
"हमारे पास कुछ ऐसी तस्वीरें भी हैं, जिनमे कुछ केबल कटी हुई हैं, तो कुछ जली मिली हैं। कुछ एमसीबी को भी नुकसान हुआ है।"
हालांकि अधिकारियों ने फिलहाल इससे कितना नुकसान हुआ है इसका जिक्र नहीं किया। उनके अनुसार एक बार प्रदर्शन हट जाए उसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है।
गाजीपुर बॉर्डर पर करीब 50 से 100 लाइटों पर फर्क पड़ा है। करीब 30 स्ट्रीट लाइट पर इसका सीधा असर हुआ है।
दूसरी ओर गाजियाबाद के डीएम गाजीपुर बॉर्डर पर स्थिति का जायजा लेने पहुंचे, वहीं इस दौरान पुलिस के आलाधिकारी भी साथ मौजूद रहे। हालांकि जिस वक्त सभी अधिकारी बॉर्डर का जायजा ले रहे थे, उसी दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान स्ट्रीट लाइट पर लगी केबल से छेड़खानी कर रहा था। जिसे अधिकारियों ने रंगे हाथों पकड़ लिया।
मौके पर मौजूद गाजियाबाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने उनकी तस्वीर खीचने के लिए भी कहा। इस दौरान जब आईएएनएस ने जिलाधिकारी से पूछा तो उन्होंने बस इतना कह दिया कि, "उचित कार्रवाई की जाएगी।"
जिसके बाद डीएम ने एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुदित गर्ग से फोन पर बात भी की।
हालांकि इस पूरे मसले पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से कहा कि, "हमने अधिकारियों को बोला है कि आप हमें लाइट की सुविधा मुहैया कराएं। हम लोग कहां जाकर फोन चार्ज करेंगे।"
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