एम्स के 5 हजार नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर
वैश्विक महामारी कोरोना से जंग के बीच छठे व सातवें वेतन बढ़ोतरी और सिफारिशों में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर सोमवार से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नर्सिंग यूनियन के पांच हजार कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।
एम्स के 5 हजार नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल पर |
नर्सिंग कर्मचारियों के मरीजों को असहाय छोड़कर वार्ड से बाहर निकल जाने से एम्स में हड़कंप मच गया। नर्सिग स्टाफ के इस कदम से मरीजों का जीवन संकट में पड़ सकता है।
उधर एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने महामारी के बीच नसरे की हड़ताल और वेतन बढ़ोतरी की मांग को अनुचित करार दिया है और इस घटना को एम्स के लिए शर्मसार करने वाला करा दिया।
उन्होंने नर्सिंग कर्मचारियों से ड्यूटी पर वापस लौटने की अपील की। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा कि एम्स के सभी कर्मचारियों ने कोरोना के दौर में बेहतरीन काम किया है। दुर्भाग्य से नर्सिंग यूनियन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी। दुनिया कोरोना की महामारी के कारण युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रही है। ऐसे में वास्तविक नर्सिंग कर्मचारी अपने मरीजों व कोरोना से पीड़ित स्वास्थ्य कर्मचारियों को वार्ड में असहाय छोड़कर हड़ताल नहीं कर सकते। नर्सिंग यूनियन की 23 मांगे थी। सभी मांगे पूरी की जा चुकी हैं।
यूनियन का आरोप, मांगें नहीं हुई पूरी: नर्सिंग यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला ने कहा कि छठे वेतन आयोग से संबंधित कुछ मांगों को लेकर पिछले साल 16 अक्टूबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक हुई थी। जिसमें एम्स के निदेशक भी शामिल थे।
बैठक में मांगें पूरी करने का आासन मिला था, जो अब तक पूरी नहीं हुई। पिछले माह 13 नवंबर को एम्स प्रशासन को सूचना दी गई थी 16 दिसम्बर से नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल करेंगे। इस बीच एम्स ने निजी कंपनी के माध्यम से अनुबंध पर नसरे की नियुक्ति शुरू कर दी।
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