लघु फिल्मों व पेंटिंग के माध्यम से उजागर होंगे शिक्षा के क्षेत्र के अनछुए पहलू

Last Updated 30 Nov 2016 05:28:37 PM IST

हमारे आस-पास तमाम ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जो अखबारों की सुर्खियां नहीं बन पाती लेकिन अक्सर समाज में बदलाव लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.


लघु फिल्मों से उजागर होंगे शिक्षा क्षेत्र के अनछुए पहलू
 
 
परिवर्तन की ऐसी ही एक सकारात्मक बयार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अमरा गांव में भी बहती महसूस की जा सकती है. इसकी शुरूआत एक स्वयं सहायता समूह की प्रेरणा से स्थानीय स्कूल में पढ़ने वाले 10-12 वर्ष के कुछ छात्र-छात्राओं द्वारा स्कूल न जाने वाले बच्चों को पढ़ाने के काम से हुई. 
 
स्कूली बच्चों ने यहां खेत-खलिहान के आस-पास अन्य बच्चों को बैठाकर पढ़ाना शुरू किया. बच्चों को पढ़ता देख आस-पास की कुछ महिलाएं भी वहां बैठने लगीं. कुछ ही समय में वहां गांव की अधिकांश महिलाएं आकर पढ़ना-लिखना सीखने लगीं. अब ये महिलाएं न केवल अपना, अपने पति व अपने बच्चों का नाम आदि लिख पाती हैं बल्कि खुद ही बैंक जाकर जमा, निकासी का काम भी करने लगी हैं. 
 

 
महिलाओं को लिखना-पढ़ना सिखा रही 12 वर्षीय छात्रा कविता इस अभियान की सफलता से अत्यंत खुश है और बताती है कि सुबह पहले वह स्वयं स्कूल जाती है और बाद में आकर दूसरों को पढ़ाती है. कविता बताती है कि उसके हम उम्र अन्य छात्र छात्राएं भी अलग अलग ऐसी कक्षाएं लगाते हैं.
 
अमरा गांव की महिलाओं की प्रगति और कविता व अन्य छात्र-छात्राओं के योगदान की यह कहानी पांच मिनट के वीडियो के रूप में थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) तक पहुंची है. शिक्षा के क्षेत्र की चुनौतियों, नवाचारों और जश्न से संबंधित दुनिया भर की ऐसी 2 हजार से अधिक अन्य कहानियां भी फिल्म के रूप में सीसीएस तक पहुंची है. 
 
अब इनमें से श्रेष्ठ फिल्मों की स्क्रीनिंग इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म कॉम्पटिशन 'एडुडॉक' के दौरान आगामी 3 दिसंबर को इंडिया हैबिटेट सेंटर में की जाएगी. इस दौरान देशभर के स्कूलों में छठीं से नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा बनाई गई पेंटिंग की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. श्रेष्ठ फिल्मों और पेंटिंग को पुरस्कृत भी किया जाएगा.
 
इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म कॉम्पटिशन व पेंटिंग कॉम्पटिशन के बाबत बताते हुए संयोजक नितेश आनंद बताते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र की महत्वपूर्ण चुनौतियों, नवाचारों और जश्न को राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करने व उन्हें नीति निर्धारकों,शिक्षाविदों व अन्य महत्वपूर्ण लोगों तक पहुंचाने के लिए सीसीएस ने यह प्रतियोगिता आयोजित की है. 
 
प्रतियोगिता के लिए एशियाई देशों (नेपाल, बांगलादेशन, श्रीलंका, ईरान, रूस),यूरोपीय देशों (फ्रांस, नॉर्वे, फिनलैंड), अफ्रीकी देशों (केन्या, तंजानिया, नाईजीरिया), नॉर्थ अमेरिकी देशों (यूएस, कनाडा) व साउथ अमेरिकी देशों (अर्जेंटिना, बोलिविया) आदि से कुल 2084 प्रविष्ठियां प्राप्त हुई हैं, जिनमें से पांच श्रेष्ठ फिल्मों की स्क्रीनिंग इंडिया हैबिटेट सेंटर में की जाएगी. 
 
 
 
सर्वश्रेष्ठ तीन फिल्मों को क्रमशः 25 हजार, 20 हजार व 15 हजार रूपए,ट्रॉफी व सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा. पेंटिंग कॉम्पटिशन के लिए 200 से अधिक प्रविष्ठियां प्राप्त हुईं जिसमें से 3 सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग को क्रमशः 5 हजार, 3 हजार व 2 हजार रूपए, ट्रॉफी व सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा. 
 
दिनभर के इस कार्यक्रम के दौरान शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया, सासंद डॉ उदित राज, सांसद जय पांडा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे.
 
 
 

हितेंद्र गुप्ता


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