रामदेव प्रकरण : दिल्ली पुलिस की मुश्किलें बढ़ीं
योग गुरु बाबा रामदेव प्रकरण पर उच्चतम न्यायालय द्वारा जवाब मांगे जाने से दिल्ली पुलिस की मुश्किलें बढ. गयी लगती हैं.
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पुलिस को यह समझ नहीं आ रहा कि उच्चतम न्यायालय से मिले नोटिस के अलावा मानवाधिकार आयोग तथा महिला आयोग के नोटिस का क्या जवाब दिया जाए. इस बारे में बृहस्पतिवार को भी पुलिस मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बीच बैठकें होती रहीं. इन बैठकों में गह मंत्रालय के अधिकारियों ने भी भाग लिया.
ज्ञात हो कि विदेशों से काले धन को वापस लाने एवं भ्रष्टाचार मिटाने की मांग को लेकर बाबा रामदेव की अगुआई में हजारों की संख्या में रामलीला मैदान में जुटे आन्दोलनकारियों को खदेड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने 4/5 जून की रात के बाद कथित रू प से बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की थी. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केन्द्रीय गृह सचिव और दिल्ली के मुख्य सचिव एवं पुलिस आयुक्त से जवाब तलब किया.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विभिन्न चैनलों से प्राप्त फुटेजों का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह दर्शाया जा सके कि आन्दोलनकारी उग्र हो चुके थे और उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग ही एक मात्र रास्ता रह गया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब तक कोई ऐसा फुटेज दिल्ली पुलिस को हासिल नहीं हुआ है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि दिल्ली पुलिस ने तब कार्रवाई की थी जब भीड़ ने उस पर हमला किया था.
पुलिस के पास इस बात का भी जवाब नहीं है कि सोती हुई महिलाओं तथा बच्चों पर लाठी चार्ज क्यों किया जबकि उन्हें समझा बुझा कर भी रामलीला मैदान के बाहर किया जा सकता था. पुलिस इस बारे में रामलीला मैदान में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से भी सबूत जुटाने की कोशिश में है. हालांकि पुलिस की यह भी कोशिश है कि अपनी कार्रवाई को जायज ठहराने के लिए गवाहों को सामने लाया जाए.
निगम की अनुमति के बिना रामलीला मैदान की बुकिंग क्यों रद्द की गई
रामलीला मैदान की बुकिंग रद्द करने को लेकर महापौर डॉ. रजनी अब्बी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पूछा है कि निगम को बगैर जानकारी दिए रामलीला मैदान की बुकिंग क्यों रद्द कर दी गयी? जबकि उपरोक्त संपत्ति निगम की है. महापौर ने कहा कि रामलीला मैदान की बुकिंग निगम ने की थी. निगम ने बाबा रामदेव को योगा कैंप के लिए रामलीला मैदान दिया था. उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से बुकिंग रद्द करने के बारे में निगम को कोई जानकारी नहीं दी गई.
निगम के मुताबिक 40 दिन के लिए रामलीला मैदान की बुकिंग कराई गई थी. जिसके एवज में निगम को करीब 3.06 लाख रुपए का राजस्व मिला है. निगम के नेताओं का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने अभी भी रामलीला मैदान में कब्जा जमा रखा है. जिससे निगम को बुकिंग में दिक्कत आ रही है.
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