छात्रा को जलाकर मारने और आदिवासी लड़की से रेप के बाद हत्या के खिलाफ बंद रहा दुमका

Last Updated 05 Sep 2022 05:46:11 PM IST

12वीं की छात्रा को पेट्रोल छिड़ककर जलाने और एक नाबालिग किशोरी से रेप के बाद उसकी हत्या कर लाश को पेड़ से टांग देने घटनाओं पर झारखंड की उपराजधानी दुमका में जनाक्रोश उबाल पर है। सोमवार को आदिवासी संगठनों के आह्वान पर पूरा दुमका बंद रहा। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया।


आदिवासी संगठनों के आह्वान पर पूरा दुमका बंद

सुबह 6 बजे से ही बंद समर्थक सड़कों पर उतर गये। चौक-चौराहों पर लोगों ने लाठी-डंडों, तीर-धनुष के साथ प्रदर्शन बंद किया। बाजार पूरी तरह बंद रहे। दुकानों पर ताले लटके रहे। यात्री बसों और वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद रहा। शहर के सिदो कान्हू मुर्मू चौक, पोखरा चौक, टिन बाजार, हटिया, जिला स्कूल, दुधानी में बड़ी संख्या में लोग विरोध जताने उतरे। वे हत्या के आरोपियों अरमान अंसारी, शाहरूख और नईम को फांसी देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग रखी।

जनाक्रोश और बंद के एलान को देखते हुए पुलिस अलर्ट मोड में रही। इसके पहले रविवार की शाम विभिन्न संगठनों के आह्वान पर कैंडल मार्च निकाला गया था। आक्रोशित लोगों ने सीएम का पुतला भी दहन किया था।

इधर, इन घटनाओं की जांच को लेकर सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीओर) की टीम दुमका पहुंची। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि मृतका आदिवासी लड़की के परिजनों से मिलने का कार्यक्रम पहले से तय था, लेकिन दुमका जिला प्रशासन ने सहयोग नहीं किया। ट्विटर पर भी उन्होंने लिखा है कि झारखंड सरकार को पूर्व में सूचित किया था कि एसटी वर्ग की जिस बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या की गई, उसके परिवार से एनसीपीसीआर की टीम मिलेगी। स्थानीय कलेक्टर ने भी इसपर सहमति दी थी, पर बच्ची के गांव जाने पर पता लगा कि उसके मां-पिता को जीप में बैठाकर कोई ले गया है। सरकार का यह रवैया बेहद असहयोगात्मक और जांच में रुकावट डालने वाला है।

आयोग की टीम ने जलाकर मारी गई लड़की के परिजनों से मुलाकात कर घटना की जानकारी ली और आयोग के स्तर से समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

आईएएनएस
दुमका


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