ईडी ने झारखंड के 'पावर ब्रोकर' प्रेम प्रकाश को किया गिरफ्तार, छापे में 2 एके-47 राइफल मिली थीं

Last Updated 25 Aug 2022 10:20:03 AM IST

ईडी ने झारखंड के चर्चित पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है। उसके डेढ़ दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर ईडी की बुधवार को छापामारी की थी।


ईडी ने झारखंड के 'पावर ब्रोकर' प्रेम प्रकाश को किया गिरफ्तार, छापे में 2 एके-47 राइफल मिली थीं

इस दौरान उसके रांची के हरमू कॉलोनी स्थित किराए के मकान से दो एके-47 राइफलें और 60 कारतूस बरामद किए गए थे। आधी रात तक चली छापामारी के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार सुबह उसे अदालत में पेश करने के पहले मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि प्रेमप्रकाश सत्ता और राज्य की टॉप ब्यूरोक्रेसी का बेहद करीबी रहा है। मनी लांड्रिंग मामले में उसके खिलाफ ईडी ने कई सबूत जुटाए हैं।

बीते मई महीने में जब झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल, उनके पति और अन्य के ठिकानों पर ईडी ने मनरेगा घोटाले की रकम की मनी लांड्रिंग के मामले में छापा मारा और इसके बाद माइन्स डिपार्टमेंट के कई अफसरों से पूछताछ हुई तो प्रेम प्रकाश सहित दो-तीन पावर ब्रोकर के कनेक्शंस भी सामने आए।

बीते 25 मई को भी उसके पांच ठिकानों पर छापामारी में कई दस्तावेज बरामद किए गए। इन छापों की भनक उसे पहले ही लग चुकी थी। इसलिए उसने अपने तमाम स्मार्टफोन नष्ट कर दिए थे। उस वक्त कई राउंड की पूछताछ के बाद ईडी ने उसे इस शर्त पर छोड़ दिया था कि दुबारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर वह हाजिर होगा। बाद में ईडी ने मोबाइल कंपनियों से उसके कॉल डिटेल्स हासिल किए और कई डिजिटल साक्ष्य भी इकट्ठा किया, तब उसके और उसके करीबियों के 18 ठिकानों पर बुधवार को दूसरी बार छापेमारी की गई।



मूल रूप से बिहार के सासाराम का रहने वाला प्रेम प्रकाश सात-आठ साल पहले झारखंड आया और उसने सत्ता से लेकर ब्यूरोक्रेसी के गलियारे में जबर्दस्त रसूख हासिल कर ली। आलम यह था कि आईएएस-आईपीएस से लेकर बड़े-बड़े ब्यूरोक्रेट्स अपने तबादले से लेकर पोस्टिंग तक के लिए उसकी दरबार में हाजिरी बजाया करते थे। झारखंड की पिछली भाजपा सरकार से लेकर आज की गठबंधन सरकार में उसके रसूख में कभी कोई कमी नहीं आई।

सबसे पहले 2015-16 में उसे राज्य के एक पूर्व चीफ सेक्रेटरी की कृपा हासिल हुई और उसे पूरे झारखंड में मिड डे मील के लिए अंडा सप्लाई का काम मिल गया। कहते हैं कि बैंक में काम करते हुए वह पहले बिहार के कुछ पॉलिटिशियन्स के संपर्क में आया और इसके बाद उनकी ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम करने लगा। उसने बिहार के एक बड़े नेता की मोटी रकम पर साफ किया और वहां से भागकर झारखंड आ गया। उसने यहां मिड डे मील में अंडा सप्लाई का ठेका हासिल किया। फिर उसकी अफसरों और राजनेताओं तक पहुंच बनी और ठेके-पट्टे मैनेज करने लगा। देखते-देखते वह झारखंड में सत्ता के गलियारे का सबसे रसूखदार पावर ब्रोकर बन गया।

आईएएनएस
रांची


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