छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया और राजभवन में नौ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही साय के मंत्रिमंडल सहयोगियों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
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छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल के 12 सदस्यों में से पांच सदस्य ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर आए हैं। इनमें उपमुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा तथा मंत्री ओपी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े शामिल हैं। राजवाड़े कैबिनेट में सबसे कम उम्र की और एकमात्र महिला मंत्री हैं।
छत्तीसगढ़ में 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 13 सदस्य हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में एक और पद बाद में भरा जाएगा।
राजभवन में प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने भारतीय जनता पार्टी के नौ विधायकों बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओ पी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े को मंत्री पद की शपथ दिलाई।
मुख्यमंत्री साय ने बृहस्पतिवार को अपने मंत्रिमंडल के विस्तार की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि जल्द ही नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन कर दिया जाएगा।
राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद 13 दिसंबर को नई सरकार का गठन हुआ था। शहर के साइंस कॉलेज मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री के रूप में तथा अरुण साव और विजय शर्मा ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इसके 12 में से छह सदस्य- अरुण साव, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओ पी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं। वहीं मंत्रिमंडल के तीन अन्य सदस्य-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, रामविचार नेताम और केदार कश्यप अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) से हैं।
राज्य मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति (एससी) से एक सदस्य दयालदास बघेल हैं तथा सामान्य वर्ग से दो सदस्य विजय शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल हैं।
मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद राजवाड़े मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला सदस्य हैं।
आज शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में अग्रवाल, नेताम, कश्यप और बघेल ने पिछली भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकारों में भी मंत्री के रूप में कार्य किया है। वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए चौधरी के साथ ही वर्मा और राजवाड़े पहली बार विधायक बने हैं तथा जायसवाल एवं देवांगन दूसरी बार के विधायक हैं।
मुख्यमंत्री साय केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं तथा उप मुख्यमंत्री साव और शर्मा पहली बार के विधायक हैं। साव बिलासपुर से लोकसभा सदस्य रह चुके हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद साय सरकार में सरगुजा संभाग से चार, बिलासपुर संभाग से तीन, रायपुर और दुर्ग संभाग से दो-दो और बस्तर संभाग से एक सदस्य हैं।
राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराकर भाजपा ने पांच वर्ष बाद सत्ता में वापसी की है।
भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 सीट जीती हैं, जबकि कांग्रेस 35 सीट ही हासिल कर सकी। राज्य में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को एक सीट मिली है।
आज शपथ लेने वाले मंत्रियों का परिचय
1. बृजमोहन अग्रवाल: भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक और राज्य में अग्रवाल समुदाय के सबसे बड़े नेता। अग्रवाल (64) अविभाजित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मंत्री रह चुके हैं। अग्रवाल ने इस बार कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सबसे अधिक 67,719 वोटों के अंतर से चुनाव जीता। इस जीत के साथ, अग्रवाल लगातार आठवीं बार विधायक बन गए हैं और 1990 से लगातार जीत रहे हैं।
अग्रवाल ने चुनाव में 1,09,263 वोट हासिल किए और इस बार रायपुर शहर दक्षिण सीट पर कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को 67,919 वोटों के अंतर से हराया। महंत को 41544 वोट मिले।
कहा जाता है कि कांग्रेस के पास राजधानी में अग्रवाल के कद का कोई नेता नहीं है।
2. रामविचार नेताम: उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में पार्टी के एक प्रमुख आदिवासी चेहरे नेताम (61) ने इस बार कांग्रेस के अजय तिर्की को 29,663 वोटों के अंतर से हराकर रामानुजगंज सीट जीती है।
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