जनसंख्या नियंत्रण के लिए जन जागरण की जरूरत, केवल राजनीति के लिए न बनाया जाए कानून : बघेल
छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जन जागरण की जरूरत है, केवल राजनीति करने के लिए कानून नहीं बनाया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटो) |
रायपुर हवाई अड्डे पर बुधवार को उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित जनसंख्या कानून और असम में जनसंख्या नीति से संबंधित संवाददाताओं के सवाल के जवाब में बघेल ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए जनजागरण चलाना चाहिए, केवल राजनीति करने के लिए यह कानून नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (तब भारतीय जनसंघ) है जिसने नसबंदी का कार्यक्रम का तब विरोध किया था। 70 के दशक में जो नसबंदी कार्यक्रम चला उसे आगे बढाते तो आज जनसंख्या इतनी नहीं बढी होती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय तमाम विपक्ष के लोगों ने इसे मुद्दा बनाया और तब के चुनाव के समय यह प्रमुख मुद्दा था। इसके कारण जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम प्रभावित हुआ था। उन्होंने कहा कि आज जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बना दें लेकिन कानून से किसी समस्या का हल तबतक नहीं होता है, जब तक लोगों में जागरूकता न हो। इसके लिए जन जागरण बहुत जरूरी है।
बघेल ने कहा कि बहुत से परिवार हैं चाहे वह गरीब तबके के लोग भी हैं, वह एक या दो बच्चों का महत्व समझ रहे हैं। वह भी चाहते हैं कि उनके बच्चे पढे लिखे और उनके जीवन स्तर में सुधार हो। इस बात को गरीब से गरीब आदमी भी समझ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं समझता हूं कि जनजागरण चलाना चाहिए। केवल राजनीति करने के लिए यह कानून नहीं बनाना चाहिए। पहले भी नारा था हम दो हमारे दो। उस अभियान को फिर से चलाया जाना चाहिए और जन जागरण के माध्यम से इसे रोका जाना चाहिए।
महंगाई को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बघेल ने कहा कि महंगाई केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण बढ रही है। पहले नोटबंदी किया गया, फिर जीएसटी लाया गया और गलत तरीके से लॉकडाउन लगाया गया। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थ के कीमतों में बढोतरी महंगाई बढने का सबसे बड़ा कारण है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव गिर गए हैं तब भी पेट्रोल और डीजल के बीच प्रतियोगिता हो रही है कि कौन आगे निकलता है। जब पेट्रोलियम पदाथरें की कीमत बढती है तब अन्य सामानों के दाम भी बढते हैं।
बघेल ने इस दौरान रासायनिक खाद को लेकर केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खाद की किल्लत राष्ट्रीय समस्या है। पूरे देश में रासायनिक खाद की किल्लत है। भारत सरकार पूर्ति नहीं कर पा रही है। केंद्र को मांग भेजा गया लेकिन भेदभाव किया जा रहा है। केंद्र की सरकार दुर्भावना से काम कर रही है। केंद्र सरकार छत्तीसगढ के किसानों के साथ अन्याय कर रही है।
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