आपस में बैठने से नहीं होती विपक्षी एकता : प्रशांत
देश के चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने विपक्षी दलों की एकता को लेकर हुई बैठक पर शनिवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि नेताओं के आपस में बैठने और प्रेस कांफ्रेंस करने से विपक्षी एकता नहीं होती।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (फाइल फोटो) |
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो ये 10 साल पहले हो गई होती।
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बयान जारी कर कहा कि मैंने भी इस क्षेत्र में 8 से 10 सालों तक काम किया है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि बैठक में क्या पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सीएम ममता बनर्जी ने कांग्रेस को कह दिया कि वो उन्हें पश्चिम बंगाल में लड़ने के लिए जगह दे देंगी। कांग्रेस ने भी नहीं कहा कि हम पश्चिम बंगाल छोड़ देंगे ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भरोसे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) जो विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं, वे बिहार का ही फॉमूर्ला जारी कर दें कि कांग्रेस, राजद और जदयू कितने सीटों पर लड़ेगी? महागठबंधन में बाकी अन्य जो सहयोगी दल हैं वो कितने सीट पर लड़ेगी?
उन्होंने नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा कि बिहार में आप फॉर्मूला जारी कर देंगे तब दूसरे राज्यों में जाएंगे, तब जाकर दूसरे दल के लोग आपको गंभीरता से लेंगे।
किशोर ने कहा कि भाकपा माले का स्ट्राइक रेट बिहार में जदयू से ज्यादा है। नीतीश कुमार की पार्टी 110 सीटों पर लड़कर 42 सीटें जीती। वहीं, माले 17 सीटों पर लड़कर 12 जीती है। इस हिसाब से माले को ज्यादा लोकसभा की सीट मिलनी चाहिए।
क्या नीतीश कुमार अपनी सीटें छोड़ देंगे? उन्होंने कहा कि बात तब बनेगी जब आप में त्याग करने की क्षमता हो। तेजस्वी यादव बोल रहे हैं यहां हम लोगों के लिए छोड़ दीजिए। उन्होंने कहा कि अपने घर ठिकाना है नहीं और पूरी दुनिया में घूम रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि एकता सिर्फ आपस में बैठने से नहीं होती है। एकता के लिए जरूरी है कि विचारधारा के स्तर पर बात हो, नैरेटिव हो, चेहरा हो, आंदोलन हो और जमीन पर काम हो, तब जाकर एकता होगी।
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