बिहार की राजनीति में ऐसे हुई"दशरथ मांझी"की एंट्री

Last Updated 17 Jun 2023 05:12:07 PM IST

बिहार की राजनीति में दशरथ मांझी की भी एंट्री हो गई है। उनकी एंट्री कराई है, जनता दल यूनाइटेड ने। देश के लोगों को "दशरथ मांझी द माउंटेन मैन'फिल्म याद होगी।


Dashrath manjhi

नवाज़ुद्दीन सिद्धकी ने उसमें दशरथ मांझी की भूमिका निभाई थी। असली कहानी पर बनी इस फिल्म को देश के लोगों ने बहुत पसंद किया था, लेकिन अब उसी दशरथ मांझी का नाम बिहार की राजनीति में गूंजने लगा है। जीतन राम मांझी के गठबंधन से अलग हो जाने के बाद जिस नुकसान की संभावना जताई जा रही थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उसकी भरपाई कर दी है। अभी कुछ दिन पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, बिहार के  महागठबंधन से अलग हो गई थी।


 'हम' के मुखिया जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे को लेकर बिहार की राजनीति में तरह-तरह के चर्चे होने लगे थे। भाजपा ने यह कहना शुरू कर दिया था कि जो व्यक्ति अपने घर को नहीं संभाल सकता। वह भला विपक्षी पार्टियों को एक साथ कैसे ला सकता है। नीतीश कुमार राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। वह अपने चेहरे के भाव और अपनी शारीरिक भाषा से सामने वाले नेता को इस बात का एहसास नहीं होने देते कि वह क्या कहना चाह रहे हैं और क्या बोलना चाह रहे हैं। लेकिन जीतन राम मांझी के गठबंधन से बाहर हो जाने से, उन्होंने बगैर देरी किए हुए सहरसा जिले के सोनबरसा के विधायक और जीतन राम मांझी के ही बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले रत्नेश सदा को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करवा दिया।

यानी उन्होंने रत्नेश सदा को लाकर बहुत हद तक जीतन राम मांझी की कमी को पूरी करने की कोशिश कर दी थी, लेकिन नीतीश कुमार ठहरे मझे हुए खिलाड़ी, लिहाजा उन्होंने सोचा कि इतने भर से काम नहीं चलने वाला है इसलिए उन्होंने बिहार के माउंटेन मैन के नाम से विख्यात अंतरराष्ट्रीय शख्सियत दशरथ मांझी के बेटे भागवत मांझी और उनके दामाद मिथुन मांझी को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। यहां बता दें कि दशरथ मांझी वही हैं, जिन्होंने अकेले ही पहाड़ को काटकर वहां से आने जाने का रास्ता तैयार कर दिया था। उनकी उस उपलब्धि पर बॉलीवुड ने एक फिल्म भी बना दी थी।

उस फिल्म का नाम भी था "दशरथ मांझी द माउंटेन मैन"। उस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दशरथ मांझी के चरित्र को बखूबी निभाया था। लोगों ने फिल्म के साथ-साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी के अभिनय को भी बहुत सराहा था। बिहार में मुसहर समाज के लोगों के लिए दशरथ मांझी एक आदर्श के समान हैं। ऐसे में उनके बेटे और दामाद को अपनी पार्टी में शामिल करा कर नीतीश कुमार ने पूरे मुसहर समाज को एक संदेश देने की कोशिश की है। उन्होंने बताने की कोशिश की है कि उनकी बिरादरी के लिए सबसे बड़ा हितेषी उनके अलावा औऱ कोई नहीं है। मुसहर समाज की सबसे बड़ी हितैशी बिहार की वर्तमान सरकार है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। नीतीश  कुमार के इस राजनीतिक चाल से शायद भाजपा की बोलती बंद हो गई होगी। जीतन राम मांझी के जाने के बाद भाजपा जिस नुकसान की अपेक्षा कर रही होगी, उसे नीतीश कुमार ने बखूबी संभाल लिया है।

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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