बिहार में कोरोना की रफ्तार थमने के बाद सरकारी आदेश पर सोमवार से राज्य के सभी पहली से लेकर आठवीं तक के स्कूल खोल दिए गए।
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स्कूल तो खुले, लेकिन छात्र, छात्राओं की उपस्थिति काफी कम दिखी। बिहार सरकार के आदेश से राज्य के पहली से लेकर आठवीं तक के सभी निजी और सरकारी स्कूल सोमवार से खुल गए। स्कूल तो खुले लेकिन कोरोना के डर से अभिभावक अपने बच्चों को भेजने से परहेज करते दिखे, जिस कारण स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति काफी कम दिखी।
कई स्कूलों में तो बच्चे पहुंचे भी नहीं। निजी स्कूलों में भी छात्रों की उपस्थिति काफी कम देखी गई।
सरकार ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन यानी 16 अगस्त से 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ पहली से आठवीं तक के विद्यालय खोल दिए जाएंगे। यही नहीं सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रविवार को भी बच्चों को झंडोत्तोलन समारोह में बुलाने की इजाजत दे दी थी।
सरकार ने अपने आदेश में स्कूलों में कोरोना के गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए हैं। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौैधरी ने आदेश दिया है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विद्यालयों में कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्कूल-कॉलेजों को तीन चरण में खोलने का फैसला किया है। सरकार ने 12 जुलाई को राज्य के सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, तकनीकी संस्थान और 11 वीं व 12वीं क्लास के बच्चों के लिए स्कूल खोला गया।
इसके बाद 7 अगस्त को 9 वीं और 10वीं क्लास के बच्चों के लिए स्कूल खोलने के आदेश दिए गए थे, जबकि 1 से 8 वीं तक के स्कूलों को अंतिम चरण में 16 अगस्त से 50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति के साथ खोलने का निर्णय लिया गया।
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