बिहार राजग में 'तनातनी', मुकेश, सम्राट के बयानों ने बढ़ाई सियासी गर्मी

Last Updated 27 Jul 2021 02:07:14 PM IST

बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस गठबंधन में शामिल घटक दलों में जिस तरह की बयानबाजी हो रही है, उससे सावन के इस मौसम में भी राज्य की सियासत गर्म है।


पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी (फाइल फोटो)

हाल के दिनों में सरकार के मंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी के बयान और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की नाराजगी ने गर्म सियासत पर घी का काम किया।

भाजपा के नेता और पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने दो दिन पूर्व इस गठबंधन को मजबूरी का गठबंधन करार दे दिया। चौधरी ने कहा, "वर्तमान सरकार और कुछ नहीं बल्कि भाजपा और जदयू दोनों की राजनीतिक मजबूरी है। नीतीश कुमार दोनों पार्टियों की राजनीतिक मजबूरियों के कारण बिहार के मुख्यमंत्री बने। वर्ष 2025 में बिहार का मुख्यमंत्री भाजपा से होगा।"

चौधरी के इस बयान के बाद जदयू ने भी पलटवार करने में देर नहीं की। जदयू के विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा, "भाजपा 2015 में अकेले चुनाव लड कर उसका परिणाम देख चुकी है।"

उन्होंने कहा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी नीतीश कुमार बिहार राजग का नेता मान चुका है। ऐसे में अगर बिहार भााजपा के किसी नेता को इससे कष्ट हैं तो उसे अपने वरिष्ठ नेताओं से पूछना चाहिए।

अभी राजग के दो बडे घटक दलों भाजपा और जदयू के नेताओं में बयानबाजी चल ही रही थी कि एक अन्य घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने राजग के वरिष्ठ नेताओं पर ही सवाल दठा दिए।

वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने सोमवार को बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र को लेकर राजग विधायकों की बैठक का ही वहिष्कार करते हुए कहा, "हमारे विधायकों की बात राजग की बैठक में नहीं सुनी जाती है। ऐसे में राजग की बैठक में जाने का क्या मतलब है।"

मुकेश सहनी ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी के अपमान का भी आरोप लगाया।

उन्होंने हालांकि यह भी कहा, "हम नीतीश कुमार के साथ हैं और सरकार को पूरा सहयोग है।"

सहनी के राजग से नाराजगी जताए जाने के बाद भाजपा ने भी उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। भाजपा के नेताओं ने कहा कि उनके जाने से भी राजग को कोई फर्क नहीं पडेगा।

भाजपा के सांसद अजय निषाद ने कहा, "वीआईपी नेता मुकेश सहनी के चले जाने से राजग पर कोई असर नहीं पडेगा। वे विधनसभा चुनाव हार गए थे और फिर उन्हें विधान पार्षद का सदस्य बनाकर मंत्री तक बनाया गया।"

इधर, राजग में मचे घमासान ने विपक्षी दलों को सत्ता पक्ष पर निशाना साधने का एक बडा मौका दे दिया। विपक्ष अब सीधे नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है। विपक्ष के एक नेता कहते हैं कि नीतीश कुमार मजबूरी के मुख्यमंत्री हैं। वे पद नहीं छोड़ना चाहते। राजग घटक दल के नेता लगातार मुख्यमंत्री पर ही प्रश्न उठा रहे है लेकिन 'कुर्सी मोह' के कारण नीतीश कुमार पद नहीं छोड रहे हैं।

बहरहाल, राजग में चल रहे बयानों की तीर ने बिहार में इस बारिश के मौसम में भी गर्मी बढा दी है, जिससे विपक्ष भी खुश है। इस बयानबाजी का परिणाम क्या होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
 

आईएएनएस
पटना


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