पाकिस्तान के हालात चिंताजनक:ब्रजेश मिश्रì
Last Updated 22 Apr 2009 07:40:48 PM IST
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नयी दिल्ली। पाकिस्तान में हालात पर खतरे की घंटी से आगाह करते हुए पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा ने आज कहा कि तालिबान वहां कब्जा कर रहा है और परमाणु हथियारों तक पहुंच बनाकर भारत के लिए समस्या पैदा कर सकता है।
राजग सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे मिश्रा ने यह संकेत भी दिया कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पाक सेना प्रमुख जनरल अशफाक कियानी के हाथ से भी नियंत्रण जा सकता है और सेना तथा आईएसआइ र् में भी तालिबान से संपर्क रखने वाले लोग हैं।
एक साक्षात्कार में मिश्रा ने कहा कि हालात पाकिस्तान और भारत दोनों के लिए ही गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में हालात बहुत चिंताजनक हैं और खतरे की घंटी के समान हैं। खतरे की घंटी यह है कि पाकिस्तान में उग्रवादी तालिबान सरकार का हिस्सा बन गया है और देश पर नियंत्रण कर रहा है।
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि यदि तालिबान ताकतवर हो जाता है तो यह भी संभावना है कि उनके हाथ में परमाणु हथियार आ जायें। जब मिश्रा से पूछा गया कि कम संख्या वाला तालिबान सेना का मुकाबला कैसे कर सकता है उन्होंने कहा डर की बात यह है कि पाकिस्तान की बड़ी पट्टी तालिबान के साथ है। समस्या यह है कि पाकिस्तान इस हालात से निपटने में अक्षम है। मिश्रा ने कहा पाक सेना और आईएसआई में ऐसे तत्व हैं जिनके संपर्क तालिबान से हैं। निचले स्तर पर कई सैनिक और पुलिसकर्मी हो सकते हैं जो महसूस करते हों कि तालिबान ठीक है और तालिबान के साथ काम करना ठीक है। उन्होंने कहा तालिबान इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहा है और जल्दी ही यह पाकिस्तान को संचालित कर सकता है।
मिश्रा का मानना है कि पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत और फाटा में हालात बहुत अस्थिर हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दावा कर रहा है कि उसने इन इलाकों में पिछले तीन साल से एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं लेकिन हालात को काबू में करने में वह नाकाम रहा है।
मिश्रा से जब पूछा गया कि यदि जनरल कियानी तालिबान पर मार्च का आदेश देते हैं तो क्या उन्हें बगावत का सामना करना पड़ सकता है। इस पर उन्होंने कहा यह संभावना भी है,लेकिन अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर हुए हमले के बाद हमें भारतीय सेना में भी खराब स्थिति देखनी पड़ी थी। लेकिन हमने स्थिति को संभाल लिया था।
पाकिस्तान के साथ पहले हमला नहीं की नीति को छोड़ देने का समय आने के सवाल पर उन्होंने कहा हमें इंतजार करना चाहिए और देखें कि हालात कैसे बदलते है। उन्होंने यह भी कहा लेकिन उस समय ऐसा हो सकता है जब उग्रवादियों के हाथ में परमाणु हथियार हों। उस समय हमें नीति बदलनी होगी।
मिश्रा ने कहा मैं ऐसा नहीं सोचता कि पाकिस्तान के तालिबानीकरण से भारत का तालिबानीकरण हो जायेगा। भारतीय मुस्लिम जानते हैं कि इस देश में शरीयत कानून नहीं लाया जा सकता और मेरा भरोसा है कि भारत के अधिकतर मुस्लिम चाहते हैं कि इस देश में शरीयत नहीं लाया जाए।
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