पप्पू के न होने से शरद की जीत आसान
Last Updated 22 Apr 2009 06:48:51 PM IST
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मधेपुरा। बिहार के मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से इसबार राजद के निवर्तमान बाहुबली सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के चुनाव नहीं लड़ने के कारण वहां से एकबार फिर अपना भाज्ञ आजमा रहे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के लिए जीत का लक्ष्य आसान नजर आ रहा है।
माकपा विधायक अजित सरकार हत्या मामले में निचली अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद इस मामले में जमानत पर रिहा पप्पू यादव ने पटना उच्च न्यायालय में चुनाव लड़ने की अनुमति दिए जाने के संबंध में एक याचिका दायर की थी जिसे न्यायालय द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद पप्पू इसबार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने वर्ष 1999 के चुनाव में अपने घोर विरोधी राजद प्रमुख लालू प्रसाद को पराजित किया था। लेकिन वर्ष 2004 के चुनाव में वे उनके हाथों पराजित हो गए थे।
लालू प्रसाद ने वर्ष 2004 के चुनाव में मधेपुरा के साथ छपरा संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ा था। बाद में उन्होंने मधेपुरा सीट पप्पू यादव के लिए छोड़ दी थी और उसी वर्ष इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में पप्पू ने जदयू प्रत्याशी आर पी यादव को हराया था। लोकसभा पहुंचे पप्पू इसी दौरान अजित सरकार हत्या मामले में जेल चले गए जिससे लंबे समय तक इस क्षेत्र की जनता अपने सांसद को देखने से वंचित रही। मधेपुरा संसदीय क्षेत्र के बारे में अब तक यही कहा जाता रहा है कि जिस प्रकार रोम पोप का है उसी प्रकार मधेपुरा गोप .ंयादव.ं का है। लेकिन नये परिसीमन के बाद अब यहां भी परिस्थितियां बदली..बदली नजर आ रही हैं। मतदाता अब केवल जातीय समीकरण के आधार पर मतदान के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं बल्कि इसबार स्थानीय मुददों के साथ..साथ विकास एवं कानून व्यवस्था को ध्यान में रखकर मतदान करने के पक्ष में नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि परिसीमन के अनुसार मधेपुरा संसदीय क्षेत्र में अब मधेपुरा जिले का आलमनगर बिहारीगंज और मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र के साथ..साथ सहरसा जिले के सोनवर्षा सुरक्षितं सहरसा और महिषी विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है। नये परिसीमन में मधेपुरा के कुमारखंड विधानसभा क्षेत्र को विलुप्त कर दिया गया है वहीं किशनगंज विधानसभा क्षेत्र का नाम बदल कर बिहारीगंज कर दिया गया है। इसी प्रकार सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र को मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से हटाकर सुपौल लोकसभा क्षेत्र में शामिल कर दिया गया है।
मधेपुरा संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 15 लाख नौ हजार 224 है। इनमें प्रमुख रूप से 4.5 लाख यादव मतदाता 1.5 लाख ब्राहमण और राजपूत दो लाख मुसलमान कोयरी और कुर्मी 2.5 लाख दलित और 1.5 लाख वैश्य मतदाता हैं।
मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी जद यू उम्मीदवार शरद यादव पेशे से टेक्सटाइल इंजीनियर हैं। मधेपुरा उनके लिए पुराना संसदीय क्षेत्र रहा है और वर्ष 2004 में लालू के हाथों पराजित होने के बाद वह गाहे..बगाहे इस क्षेत्र का दौरा करते रहें हैं। लेकिन इसबार वह अपनी चुनावी नैया नीतीश कुमार नीत बिहार की राजग सरकार के विकास के मुद्दे के सहारे पार लगाने की फिराक में हैं।
मधेपुरा संसदीय क्षेत्र में तीसरे चरण के अंतर्गत 30 अप्रैल को चुनाव होना है और यहां से जदयू प्रत्याशी शरद यादव राजद उम्मीदवार डा. रविन्द्र चरण यादव और कांग्रेस प्रत्याशी ताराचन्द साहा सहित कुल 17 उम्मीदवार चुनावी मैदान में डटे हुए हैं।
वर्ष 1991 1996 और 1999 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके शरद यादव चौथी बार लोकसभा पहुंचना चाहेंगे।
जद यू प्रत्याशी शरद यादव जहां बिहार सरकार द्वारा किये गये विकास कायों के बल पर मतदाताओं को अपनी तरफ लुभाने में लगे हैं वहीं राजद प्रत्याशी रविन्द्र चरण यादव लालू प्रसाद द्वारा इस क्षेत्र में रेलवे के माध्यम किए गए विकास कायों को आधार बनाकर जनता को अपने पक्ष में करने में जुटे हुए हैं।
बिहार के पिछले लालू..राबडी शासनकाल में मंत्री रह चुके रविंद्र चरण यादव का कहना है कि राजद प्रमुख रेलमंत्री लालू प्रसाद ने यहां विद्युत लोकोमोटिव कारखाना और व्हील कारखाने की स्थापना की है।
उल्लेखनीय है कि रविंद्र चरण यादव मधेपुरा जिले के ही किशनगंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे हैं और यहीं के स्थायी निवासी भी हैं लेकिन उनका राजनीतिक कद शरद यादव की तुलना में छोटा है। इसलिये शरद यादव के लिये उनके हाथों हार से बचने के लिए जीत अब एक चुनौती बन गयी है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने ताराचन्द साहा को मधेपुरा से अपना प्रत्याशी बनाया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की ही देन है कि यहां रेलवे से जुड़ी पांच हजार करोड़ रूपये की विभिन्न योजनाएं आईं और बड़े पैमाने पर सड़कों का निर्माण हुआ।
इसी संसदीय क्षेत्र के सोनवर्षा विधानसभा क्षेत्र से निर्दली विधायक किशोर कुमार मुन्ना भी मधेपुरा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना भाज्ञ आजमा रहे हैं। मुन्ना की यहां के राजपूत मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है।
मायावती की बसपा ने मधेपुरा में विनोद कुमार झा को अपना प्रत्याशी बनाया है।
नेपाल के कुसहा के समीप गत वर्ष अठारह अगस्त को आयी बाढ से मधेपुरा संसदीय क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था।
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