कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर रहेगी 0.2 फीसद नकारा
Last Updated 08 Feb 2010 03:03:58 PM IST
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नयी दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर नकारात्मक 0.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के 2009-10 के अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि देश के कई हिस्सों में सूखे और बाढ़ के कारण खरीफ के उत्पादन में कमी आएगी, जिससे कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर प्रभावित होगी।
सीएसओ ने कहा, कृषि, वन तथा मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में 2009-10 के दौरान 0.2 प्रतिशत की गिरावट आएगी। पिछले वित्त वर्ष में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में कहा था कि 2009-10 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर लगभग शून्य के स्तर पर रहेगी। 2009-10 के फसल वर्ष में खाघान्नों तथा तिलहनों के उत्पादन में क्रमश: आठ प्रतिशत और पांच प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है। सीएसआ॓ ने कहा है कि गन्ना उत्पादन में 11. 8 फीसद की कमी आएगी।
हालांकि, इस दौरान कपास उत्पादन में 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। बागवानी फसलों में फलों और सब्जियों का उत्पादन क्रमश: 2.5 प्रतिशत तथा 4.8 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 17 से 18 प्रतिशत रहती है, लेकिन देश की 60 प्रतिशत आबादी जीवनयापन के लिए कृषि पर निर्भर है।
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