‘चीनी न खाने से मौत नहीं आती’
Last Updated 07 Feb 2010 03:43:25 PM IST
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मुंबई। चीनी और अन्य जरूरी चीजों की बढ़ती कीमत को लेकर जहां एक तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार की आलोचना हो रही है वहीं पार्टी की पत्रिका ’राष्ट्रवादी’ ने कहा है कि ’चीनी नहीं खाने से किसी की मौत नहीं होती’ और यह कोई जरूरी नहीं है कि हर कोई इसका उपभोग करे ही।
पत्रिका में लिखा गया है, डाक्टर कहते हैं कि ज्यादा चीनी और नमक खाना जहर जैसा है। पत्रिका के संपादक राकंपा के राज्य इकाई के अध्यक्ष मधुकर पिचाड हैं। उन्होंने पत्रिका के हाल के अंक में संपादकीय में ये बातें लिखी है।
संपादकीय में लिखा गया है, किसी की भी चीनी नहीं खाने से मौत नहीं होती। दूसरी ओर चीनी से बने सामान खाने से मधुमेह बढ़ता है। अत: यह जरूरी नहीं है कि हर कोई चीनी खाये। पत्रिका का संपादन पूर्व पत्रकार डाक्टर सुधीर भोंगाले ने किया है।
लेख में लिखा गया है कि चीनी और अन्य खाद्य पदार्थों पर कुल व्यय तुलनात्मक रूप से कम है और इसका अंश 10 से 12 फीसद है। दूसरी ओर सौंदर्य प्रसाधन, वाहन, ईंधन, मनोरंजन, आदतों और लक्जरी सामानों पर व्यय काफी है लेकिन कोई यह नहीं कहता कि इन चीजों के दाम बढ़ रहे हैं।
संपादकीय में लिखा गया है, जिन्हें मधुमेह है, वे चीनी नहीं खाते लेकिन इसके बावजूद वे जिंदा हैं। लोग स्थिति को ध्यान में रखे और उसके मुताबिक अपनी आदतों का समायोजन करें।
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