काल भैरव मंदिर में प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए भगवान भैरवनाथ को शराब, सिगरेट और चरस समेत कम से कम 1,351 प्रकार के भोग चढ़ाए गए।
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भैरव अष्टमी के अवसर पर गुरुवार को उज्जैन के मंदिर में भगवान भैरवनाथ के भक्तों का तांता लगा रहा। मंदिर के पुजारियों द्वारा 'श्लोक' के उच्चारण के बीच शहर में चार क्विंटल फूलों की सजावट और भगवान भैरवनाथ के जुलूस के साथ पारंपरिक अनुष्ठानों के बाद मुख्य प्रार्थना आयोजित की गई।
काल भैरव मंदिर में प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए भगवान भैरवनाथ को शराब, सिगरेट और चरस समेत कम से कम 1,351 प्रकार के भोग चढ़ाए जाते थे।
भगवान को जो भोग लगाए गए उसमें- 390 प्रकार की अगरबत्ती, 180 प्रकार के फेस मास्क, 75 प्रकार के सूखे मेवे, 64 प्रकार की चॉकलेट, 60 प्रकार की गुजराती नमकीन, 60 पैकेट सिगरेट, 56 प्रकार के नमकीन, 55 प्रकार की मिठाइयां, 45 प्रकार के बिस्कुट, 40 प्रकार की शराब (रम, व्हिस्की, टकीला, वोदका, बीयर और शैंपेन), 'चिलम', भांग, 40 प्रकार की बेकरी आइटम और 30 प्रकार की गजक, 28 प्रकार के शीतल पेय और 28 प्रकार के फल शामिल हैं।
मंदिर के पुजारी धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि अष्टमी का उत्सव बुधवार सुबह शुरू हुआ था और अगली रात 'महाआरती' के बाद प्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ।