23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर सकते हैं दादरी में जनसभा

Last Updated 15 Apr 2024 12:05:57 PM IST

गौतमबुद्ध नगर के लोकसभा चुनाव में जातीय समीकरण भी हावी होने वाला है। इसको देखते हुए 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में ग्रेटर नोएडा के दादरी में जनसभा कर सकते हैं।


Loksabha Election 2024

साठा चौरासी गांव के ठाकुरों ने भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसको देखते हुए पार्टी अब जातीय समीकरण पर भी काम करती दिखाई दे रही है। वहीं दूसरी तरफ बसपा ने भी राजेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतर कर भाजपा उम्मीदवार डॉक्टर महेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट वितरण में क्षत्रिय समाज की उपेक्षा का साठा चौरासी मेें तेज विरोध हो रहा है।

17 अप्रैल को क्षत्रिय स्वाभिमान सम्मेलन की तैयारी जोरों पर है। आयोजकों का दावा है कि धौलाना में आयोजित सम्मेलन में साठा चौरासी के अलावा देश भर के ठाकुर समाज के लोग शिरकत करेंगे। गाजियाबाद से कर्नल वीके सिंह का टिकट कटने से साठा चौरासी के लोग बेहद नाराज हैं।

गौरतलब है कि गौतमबुद्ध नगर मेें गुर्जर 3.5 लाख, मुस्लिम 3 से 3.5 लाख, ठाकुर और राजपूत 4.5 लाख, दलित 4.5 लाख, ब्राह्मण 4 लाख, अन्य 3 लाख और नए वोटर 2.58 लाख हैं।

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र पांच विधानसभा सीटों नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा, सिकंद्राबाद से मिलकर बना है। 2009 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुए। इसमें बसपा प्रत्याशी सुरेंद्र नागर ने जीत दर्ज की। लेकिन 2014 में वे भाजपा में शामिल हो गए। अब वो राज्यसभा सांसद हैं और भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

2014 और 2019 में भाजपा से डॉक्टर महेश शर्मा ने यहां जीत दर्ज की और वर्तमान में सांसद हैं। भाजपा ने तीसरी बार उनको फिर से प्रत्याशी घोषित किया। उसके बाद से वे चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हालांकि हाल ही में एक विशेष जाति के लोगों की भाजपा से नाराजगी की बात भी सामने आई है। इसके कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए। संभवत: इसके बाद ही गौतमबुद्ध नगर में भाजपा समेत अन्य दल अधिक सक्रिय हो गए हैं। माना जा रहा है की 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दादरी में जनसभा को संबोधित कर सकते हैं।

बताया जा रहा है कि इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नोएडा आ सकते हैं। हालांकि विपक्ष की ओर से सरगर्मी थोड़ी कम दिख रही है। 22 अप्रैल को बसपा सुप्रीमो मायावती सिकंद्राबाद से ही अपने प्रत्याशी राजेंद्र सोलंकी के लिए वोट मांगेंगी।

वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी यहां जनसभा कर सकते हैं। वो पहले फेज के मतदान के बाद नोएडा, दादरी में जनसभा कर सकते हैं। जातिगत समीकरण देखें तो नोएडा में सबसे ज्यादा ठाकुर हैं। यहां के गांव गुर्जर बाहुल्य हैं। इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हाईराइज सोसाइटी में नो रजिस्ट्री, नो वोट का कैंपेन चल रहा है। ठाकुर समुदाय परंपरागत रूप से भाजपा का कोर वोटर रहा है।

बहुजन समाज पार्टी ने इस बार ठाकुर समुदाय पर दांव खेलते हुए राजेंद्र सिंह सोलंकी को अपना प्रत्याशी बनाया है। पूर्व विधायक रहे सोलंकी को बसपा का कैडर वोट मिलने की पूरी उम्मीद है। इसके अलावा वह ठाकुर वोट मिलने का भी भरोसा जता रहे हैं। इसके लिए ध्रुवीकरण भी तेज हो गया है। यहां करीब चार लाख ठाकुर वोटों को भाजपा से बसपा की ओर से मोड़ने की कोशिश हो रही है। फिलहाल कुछ कहना मुश्किल होगा।

इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि भाजपा में भी ठाकुर समुदाय के नेताओं का बड़े पदों पर और बेहद सक्रिय होना है। चाहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हों, गृहमंत्री राजनाथ सिंह हों, विधायक पंकज सिंह और धीरेंद्र सिंह हों। सभी भाजपा के डॉ. महेश शर्मा को जीत दिलाने के लिए सक्रिय हैं।

जातीय समीकरण से इतर नोएडा और दादरी के करीब 10 लाख शहरी वोटर भाजपा के लिए बोनस हैं। भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा को 2019 में नोएडा में पड़े 3.46 लाख में से 2.60 लाख वोट मिले, जबकि बसपा के सतवीर गुर्जर को 62 हजार और कांग्रेस के डॉ. अरविंद कुमार सिंह को करीब 20 हजार वोट मिले थे।

इसी तरह से दादरी में पड़े 3.24 लाख वोटों में से भाजपा को 1.94 लाख वोट मिले। दूसरी ओर बसपा को 1.17 लाख और कांग्रेस को 8555 वोट मिले। सपा चुनाव में बसपा को समर्थन दे रही थी। भाजपा का मार्जिन 2009 से 2019 तक लगातार बढ़ा है।

 

आईएएनएस
ग्रेटर नोएडा


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